Jyotish Shastra: त्योहारों के सीजन में कई बार समय की बचत के लिए लोग रात के समय ही मंदिर की सफाई कर देते हैं ताकि सुबह उठते ही पूजा-पाठ शुरू कर दें. लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से मां लक्ष्मी का प्रकोप झेलना पड़ सकता है.
Jyotish Shastra: आमतौर पर त्योहरों के सीजन में बहुत भागदौड़ होती है और ऐसे में कई बार सफाई आदि की वजह से पूजा का शुभ मुहूर्त निकल जाता है. (Jyotish Tips For Temple) इसलिए लोग समय की बचत करने के लिए कई बार रात के समय ही मंदिर की सफाई कर देते हैं. ताकि सुबह शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकें. लेकिन ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रात के (Jyotish Shastra in Hindi) समय मंदिर की सफाई करना अशुभ माना गया है और कहते हैं ऐसा करने से जातकों को मां लक्ष्मी के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं रात के समय मंदिर की सफाई को लेकर क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?
रात के समय न करें मंदिर की सफाई
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रात के समय भूलकर भी मंदिर की सफाई नहीं करनी चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि रात के समय मां लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं और यदि मंदिर अस्त-व्यस्त होगा तो वह नाराज होकर वापस चली जाती हैं. इसलिए यह गलती करने से बचना चाहिए.
- मान्यता है कि सांध्य आरती के बाद भगवान के शयन का समय शुरू हो जाता है. ऐसे में अगर आप मंदिर की सफाई करते हैं तो भगवान के शयन में बाधा आ सकती है. इसलिए सांध्यकाल के बाद कभी भी मंदिर की सफाई नहीं करनी चाहिए. इसे भगवान का अपमान भी माना जाता है.
- अगर शाम के समय मंदिर में दीपक जल रहा है तो भी गलती से भी उस दौरान सफाई नहीं करनी चाहिए. कहते हैं कि मंदिर में दीपक जितनी देर तक प्रज्जवलित होता है, घर में उतनी ही समृद्धि आती है. सफाई की वजह से दीपक में भी बाधा आ सकती है, जो कि घर की सुख-शांति के भंग होने की वजह बन सकती है.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रात के समय व्यक्ति का शरीर अपवित्र होता है और इसलिए भी मंदिर की सफाई नहीं करनी चाहिए. मंदिर की सफाई हमेशा सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करना चाहिए. अशुद्ध होकर मंदिर में साफ-सफाई करने से भगवान नाराज होते हैं.