Employee Pension Scheme: पेंशन फंड की लिमिट हटाने के लिए लंबे समय से चर्चा चल रही है. साल 2017 में इसे बोर्ड बैठक में रखा गया था. लेकिन, अंतिम फैसला अभी तक नहीं हो पाया है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 6.5 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स के लिए बड़ी खबर है. आपके पेंशन फंड की सीलिंग को लेकर जल्द बड़ा फैसला हो सकता है. EPFO के सूत्रों की मानें तो सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को PF के दायरे में लाना चाहती है. इस दिशा में पेंशन की लिमिट 15,000 रुपए की बेसिक सैलरी से बढ़ाकर 21 हजार की जा सकती है. मौजूदा नियमों के मुताबिक, EPS पेंशन में अधिकतम 15,000 रुपए की बेसिक सैलरी पर पेंशन बनती है. इससे पेंशन फंड में हर महीने अधिकतम 1250 रुपए ही जमा हो सकते हैं. अगर इसे बदला जाता है तो लिमिट बढ़कर 21,000 रुपए हो सकती है..
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क्या है बेसिक सैलरी की सीलिंग?
EPF कॉन्ट्रिब्यूशन में जब कोई सदस्य योगदान करता है तो उसके EPF से अलग कुछ पैसा EPS में जाता है. ये वो हिस्सा होता है जो एम्प्लॉयर के खाते से जमा होता है. लेकिन, इसके जमा होने और पेंशन फंड की अधिकतम लिमिट 15000 रुपए है. अब इसे बढ़ाया जा सकता है. इसे ऐसे समझें अगर किसी व्यक्ति की बेसिक सैलरी 30000 रुपए है तो उस सैलरी पर उसका 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन प्रोविडेंट फंड (Provident Fund contribution) में जमा होता है. इतना ही शेयर एम्प्लॉयर (Employer) के खाते से भी होता है. लेकिन, एम्प्लॉयर के हिस्से को दो जगह जमा किया जाता है. पहला- EPF और दूसरा- पेंशन (EPS).
1250 रुपए की जगह जमा होंगे 2083 रुपए
एम्प्लॉयर के 12 फीसदी हिस्से को भी 30000 रुपए की बेसिक सैलरी पर ही जमा होगा. लेकिन, पेंशन फंड में बेसिक सैलरी की सीलिंग 15000 रुपए है. लिमिट होने की वजह से बेसिक सैलरी (15000) का 8.33 फीसदी हिस्सा सिर्फ 1,250 रुपए ही जमा होता है. लिमिट बढ़ती है तो ये हिस्सा 25,000 रुपए की सीमा पर तय हो सकता है. मतलब 2,083 रुपए पेंशन फंड में जमा हो सकेंगे.
कैसे कैलकुलेट होता है कंट्रीब्यूशन?
- बेसिक सैलरी- 30000 रुपए
- कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन- 12 फीसदी के हिसाब से 3600 रुपए
- एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन-12 फीसदी का 3.67 फीसदी के हिसाब से 2350 रुपए
- पेंशन में कंट्रीब्यूशन- 8.33 फीसदी के हिसाब से 1250 रुपए
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लिमिट बढ़ाकर 21 हजार करने की सिफारिश
EPFO के एक ट्रस्टी के मुताबिक, मौजूदा वक्त में बेसिक सैलरी की सीलिंग 15 हजार रुपए है, जिसे बढ़ाकर 21 हजार रुपए तक करने का प्रस्ताव रखा गया है. अगर फैसला बढ़ाने पर होता है तो निश्चित तौर पर पेंशन की रकम में इजाफा होगा. पेंशन फंड बढ़ने के अलावा दूसरा फायदा यह भी है कि बेसिक सैलरी सीलिंग के ऊपर जिन लोगों की सैलरी है, उनके लिए PF का कॉन्ट्रिब्यूशन वैकल्पिक होता है. ऐसे में अब इस दायरे में ज्यादा लोग आ पाएंगे.
बढ़ जाएगा EPFO का सब्सक्राइबर बेस
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के रिटायर्ड एन्फोर्समेंट ऑफिसर भानु प्रताप शर्मा के मुताबिक, अगर यह फैसला होता है तो इसका फायदा 6.5 करोड़ EPFO सब्सक्राइबर्स को मिलेगा. पहला ये कि ज्यादा लोग इसके दायरे में आएंगे और दूसरा एम्प्लॉयर का शेयर बढ़ेगा तो पेंशन फंड (Pension fund EPS) में भी इजाफा होगा. हालांकि, अभी इस फैसले को अमल में लाने के लिए समय लग सकता है.
यूनिवर्सल वेज का फॉर्मूला होगा अप्लाई
सूत्रों की मानें तो सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) के मेंबर्स Pension fund पर लगी लिमिट को बढ़ाने के पक्ष में हैं. इसके पीछे दो तरह की दलील हैं. पहला- देश भर में जो यूनिवर्सल मिनिमम वेज (Universal Minimum Wage) का फॉर्मूला लागू किया जाना है, उसमें सैलरी 18 हजार रुपए के करीब निर्धारित की जा सकती है. ऐसे में जो मौजूदा सैलरी सीलिंग है, उसमें बढ़ोतरी करने की जरूरत है. इसके जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को EPFO में लाने में मदद मिलेगी और सोशल सिक्योरिटी बढ़ेगी.