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वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिये नई भारत सीरीज 24 राज्यों में शुरू, क्या है ये BH-series नंबरप्लेट और इसके फायदे?

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भारत सीरीज के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर देश के किसी भी हिस्से में वाहन का बेरोकटोक इस्तेमाल कर सकेंगे. अभी प्राइवेट गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के समय गाड़ी मालिक को 15 साल का रोड टैक्स भरना पड़ता है. अगर उनका तबादला किसी दूसरे राज्य में हो जाता है तो उन्हें फिर से रजिस्ट्रेशन कराना होता है.

नई दिल्ली. भारत सरकार ने कुछ समय पहले ही नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए नई भारत सीरीज पेश की थी. इस सीरीज के वाहनों का रजिस्ट्रेशन पूरे भारत में मान्य है. साथ ही आप इस सीरीज के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर देश के किसी भी हिस्से में वाहन का बेरोकटोक इस्तेमाल कर सकेंगे. यानी एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर किसी तरह का बदलाव या रोक-टोक नहीं होगी.

परिवहन विकास परिषद की सालाना बैठक में इसमें कई तरह के बदलाव किए गए हैं. परिषद की 41वीं बैठक पिछले महीने बेंगलुरु में हुई. बैठक के ब्योरे के अनुसार, ‘‘नीति की शुरुआत के बाद से 24 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 20,000 वाहन पंजीकृत हुए हैं.’’

क्या हैं फायदे
पिछले साल सरकार ने वाहनों के पंजीकरण की नई व्यवस्था की जानकारी दी थी. यह व्यवस्था वाहन मालिकों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने और वहां स्थानांतरित होने पर वाहनों के दोबारा से रजिस्ट्रेशन से मुक्त करती है.

अभी प्राइवेट गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के समय गाड़ी मालिक को 15 साल का रोड टैक्स भरना पड़ता है. अगर उनका तबादला किसी दूसरे राज्य में हो जाता है तो उन्हें फिर से रजिस्ट्रेशन कराना होता है. अब बीएच सीरीज के नंबर से इस तरह के तमाम झंझट से मुक्ति मिल जाएगी.

तीस हजार से अधिक परमिट जारी
बैठक के ब्योरे के अनुसार, जांच चौकियों पर रुके बिना और स्थानीय/राज्य नियमों के अनुसार करों के भुगतान के बिना पर्यटकों की आवाजाही के लिये सड़क मंत्रालय की पहल सफल रही है. तीस हजार से अधिक परमिट और 2,75,000 अधिकार पत्र अब तक जारी किये जा चुके हैं.

एक्सप्रेसवे पर बढ़ सकती है अधिकतम स्पीड
इसमें कहा गया है कि राज्य सरकारों को बड़े और छोटे शहर से जुड़े मार्गों पर बाधा रहित यातायात सुविधा प्रदान करने के लिये गति सीमा प्रतिबंधों पर फिर से विचार करने के लिए कहा गया है. हाल ही में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि वह एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा को 140 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के पक्ष में हैं.

गडकरी ने कहा था कि चार लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की गति सीमा कम-से-कम 100 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए जबकि दो लेन वाला सड़कों और शहर की सड़कों के लिये गति सीमा क्रमश: 80 किमी प्रति घंटा और 75 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए.

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