Diwali 2022: पांच दिवसीय दीपोत्सव में इस बार सूर्य ग्रहण का साया है. सूर्य ग्रहण के कई नकारात्मक प्रभाव होते हैं. कुछ सरल उपायों से उन्हें दूर किया जा सकता है. इस बारे में कुछ जरूरी बातें सभी को जान लेनी चाहिए.
Solar Eclipse: करीब 27 साल बाद इस बार दिवाली पर सूर्य ग्रहण का साया है. दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन के चंद घंटों बाद ही ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा. जो 12 घंटे का रहेगा. इसके बाद 25 अक्टूबर यानी दिवाली के अगले दिन 4 बजकर 22 मिनट से शाम करीब 6.30 बजे तक सूर्य ग्रहण क्षेत्रवार अलग अलग समय पर होगा. देश के सभी राज्यों में दिखने वाले इस सूर्य ग्रहण का यूं तो राशियों के हिसाब से अलग अलग असर होगा लेकिन धार्मिक मान्यताओं व ज्योतिष उपायों से इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान जरूर करें ये उपाय
ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार चतुर्वेदी के अनुसार ग्रहण में सबसे जरूरी है कि सभी तरह के शुभ काम टाल दिए जाएं. सूतक में भी किसी तरह का शुभ काम ना करें. भोजन को ग्रहण से सुरक्षित रखने के लिए उसमें तुलसी के पत्तों को डाल लें. सूतक काल से ग्रहण के पूरे होने तक सिर्फ ईश्वर की आराधना करें. जिसमें भी केवल देवी देवताओं की चालीसा, बीज या अन्य मंत्र का जप ही करें. ग्रहण का मोक्ष यानी पूरा समय होने के बाद मकान, दुकान, प्रतिष्ठान की साफ सफाई कर अच्छे से धुलाई करें. संभव हो तो पूरे घर को नमक के पानी से धोएं. इसके बाद खुद भी स्नान कर देवी देवताओं को स्नान कराएं. इसके बाद खाद्य पदार्थों पर गंगाजल छिड़क कर उनको शुद्ध करें. ग्रहण के प्रभाव सभी तरह के ग्रहण यानि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण पर लागू होते हैं.
इनसे जरूर बनाएं दूरी
सूर्य ग्रहण के समय कुछ कार्यों से जरूर बचना चाहिये. पंडित चतुर्वेदी के अनुसार सूतक व ग्रहण काल में पति-पत्नी को शारीरिक संबंध कभी नहीं बनाने चाहिये. इसके अलावा तेल मालिश व धूप, दीप से आरती या हवन भी नहीं करना चाहिये. गर्भवती स्त्री व कुंडली दोष वाले लोगों का भी इस दौरान घर से बाहर नहीं निकलने का विधान है.