लोग दिवाली और धनतेरस के मौके पर सोना खरीदना पसंद करते हैं. यदि आप भी इस मौके पर सोना खरीद रहे हैं तो आपको सावधान रहना चाहिए ताकि कोई आपको ठग न पाए. हम आपको पांच जरूरी बातें बता रहे हैं.
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नई दिल्ली. धनतेरस और दिवाली नजदीक आने के साथ ही कई लोग इस मौके पर धन और समृद्धि का प्रतीक सोना खरीदना चाहते हैं. यह एक लॉन्ग टर्म एसेट भी है और किसी भी जरूरत के समय में काम भी आता है. अपनी इन्हीं विशेषताओं के चलते लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं.
भारत में सोने की खरीदारी के लिए धनतेरस और दिवाली को सबसे शुभ अवसरों में से एक माना जाता है. हालांकि, कुछ ग्राहकों को सोने के कुछ विक्रेताओं द्वारा इस पर लगने वाली दरें, मेकिंग चार्ज, जीएसटी आदि पर गलत गाइड कर दिया जाता है. इसलिए बेहद जरूरी है कि सोने की खरीदारी के उत्साह में धोखे से सतर्क रहें. आभूषण विक्रेताओं द्वारा ठगे जाने से बचने के लिए, आपको धनतेरस/दिवाली पर निम्नलिखित 5 बिंदुओं पर विचार और भरोसा करना चाहिए.
केवल सर्टीफाइड गोल्ड खरीदें
सोने में चूंकि मिलावट होने से लोग धोखा खा सकते हैं, तो आपको सोना खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि वह सर्टीफाइड अथवा प्रमाणीकृत हो. आपको केवल बीआईएस (Bureau of Indian Standards) हालमार्क वाला सोना ही खरीदना चाहिए. हॉलमार्क के अलावा, आपको शुद्धता कोड (Purity Code), टेस्टिंग सेंटर के निशान, जौहरी की मार्किंग और बनाने के वर्ष (Year of Making) पर ध्यान देना चाहिए.
सोने की कीमत को क्रॉस-चेक करें
आपको हमेशा सोने की कीमतों को क्रॉस-चेक करना चाहिए, क्योंकि ये समय-समय पर बदलती रहती हैं. कीमत इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप 24K या 22K या 18K (K मतलब कैरेट) शुद्धता का सोना खरीद रहे हैं. खरीदारों को मौजूदा कीमत की तुलना सोने के आभूषणों के वजन से भी करनी चाहिए.
नकद भुगतान न करें, इनवॉइस लें
सोने के खरीदारों को बैंकिंग के माध्यम से या यूपीआई द्वारा संचालित डिजिटल भुगतान ऐप के माध्यम से पेमेंट करनी चाहिए, न कि नकद भुगतान. आपको अपनी खरीद के लिए इनवॉइस अथवा बिल भी लेना चाहिए. सोने की ऑनलाइन खरीदारी के मामले में आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डिलीवरी पैकेज के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है.
भरोसेमंद विक्रेताओं से ही खरीदें
सोना खरीदने से पहले, आपको विक्रेता की प्रामाणिकता भी सुनिश्चित करनी चाहिए और केवल विश्वसनीय विक्रेताओं से ही खरीदना चाहिए. हो सकता है कि आपके यहां लोकल में कोई ऐसा विक्रेता हो, जो आपको सही सोना न दे या फिर दिए गए सोने की गलत कीमत वसूल ले. आजकल बड़ी कंपनियां भी सोना और सोने के गहने बेचते हैं. उन्हें तुलनात्मक रूप से अधिक विश्वसनीय माना जाता है.
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री-सेलिंग प्राइस और बायबैक पॉलिसी चेक करें
आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि यदि आप वह सोना बेचना चाहें तो किस कीमत पर बेच सकते हैं. मतलब बेचने वाला विक्रेता आपसे किस कीमत पर वही गोल्ड वापस खरीदेगा. बता दें कि गहनों में री-सेलिंग वैल्यू कुछ कम हो जाती है, लेकिन यदि आप सिक्का खरीदते हैं तो उसकी कीमत में फर्क बाजार की कीमत पर निर्भर करना चाहिए.