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हेल्थ

सुंदर दिखने वाला केला कहीं जहरीला तो नहीं? पकाने के लिए किया जा रहा है ‘केमिकल’ का इस्तेमाल, जानें कितना खतरनाक

क्या आपको पता है कि आप जिन केलों को सुंदर और स्वस्थ्य जानकर खरीद रहे हैं उसको पकाने के लिए लोग जहरीले केमिकल का इस्तेमाल करते हैं.

त्योहारों का मौसम जारी है, दिवाली की धूमधाम से लेकर महापर्व छठ के चलते बाजारों की रौनक देखते ही बनती है. लोग बड़े पैमाने पर खरीददारी करने के लिए जाते हैं, इसी दौरान बाजार में चमकते हुए केले दिखाई देते हैं तो लोग इन्हें खरीदना भी नहीं भूलते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि आप जिन केलों को सुंदर और स्वस्थ्य जानकर खरीद रहे हैं उसको पकाने के लिए लोग जहरीले केमिकल का इस्तेमाल करते हैं.

हमारे सहयोगी जी न्यूज ने बिहार के बाजारों की पड़ताल में पाया कि यहां बड़े पैमाने पर केलों को पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है. बिहार के पटना जिले के बाढ़ इलाके के बाजार में केलों को धड़ल्ले से केमिकल का इस्तेमाल करके धोया जा रहा था. व्यापारियों ने बताया कि इन केमिकल के इस्तेमाल से 2 दिनों के अंदर यह केले बाजार में बेचने के लिए तैयार हो जाते हैं. केमिकल का असर ऐसा होता है कि लोअर कैटेगरी का केला भी दमकने लगता है, जिसे बेचकर दुकानदार तो मुनाफा कमाते हैं लेकिन ग्राहक पैसे खर्च करके भी अपनी जान का जोखिम खरीद रहा है.

ऐसा नहीं है कि दुकानदारों को इन केमिकल के नुकसान का अंदाजा नहीं है, वह मानते हैं कि इस तरह के केले खाना लोगों के लिए खतरनाक हो सकते हैं लेकिन जब उनसे इससे संबंधित सवाल किया जाता है तो वह इसके इस्तेमाल की बात को नकार देते हैं. कुछ कारोबारियों ने स्वीकार किया है कि ज्यादातर फल व्यापारी खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल करते हैं

किस केमिकल का होता है इस्तेमाल

इन केमिकल का इस्तेमाल ज्यादातर थोक विक्रेता करते हैं. कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए केले के थंभ को केमिकल से धोकर उसे धुआं रुम में रख देते हैं. यह कमरा कारबाइट से भरा होता है, जिससे 12 से 24 घंटे के अंदर केला पूरी तरह से पक जाता है.

ज्यादा सेवन सेहत के लिए खतरनाक

फलों के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल की चर्चा करने पर डॉक्टर ने बताया कि ऐसे केमिकल के जरिए फलों का रंग और चटकदार हो जाता है. केले में जब इसका इस्तेमाल किया जाता है तो यह बिल्कुल चिकना और पीला लगने लगता है, जिसकी तरफ ग्राहक आसानी से आकर्षित भी होते हैं और इसे मनमानी कीमतों पर बेचा भी जाता है. डॉक्टर ने बताया कि जिस कारबाइट का इस्तेमाल फलों के लिए किया जाता है वो लीवर और किडनी के लिए खतरनाक होता है, आपका पाचन तंत्र बिगाड़ सकता है. केमिकल युक्त फल खाने से कैंसर तक का खतरा है.

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