3 दिनों तक चले ‘इन्वेस्ट कर्नाटक-2022’ समिट में 9.8 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए जिनमें दो लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश नवीकरणीय ऊर्जा में किए जाने के प्रस्ताव हैं. चीफ मिनिस्टर बसवराज बोम्मई ने कहा, ‘‘निवेश के प्रस्ताव हमारी उम्मीदों से कहीं आगे हैं.
बेंगलुरु. कर्नाटक में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए आयोजित निवेश सम्मेलन के दौरान करीब 10 लाख करोड़ रुपये मूल्य के निवेश के समझौता ज्ञापनों (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए. इसके साथ ही राज्य में नया इन्वेस्टमेंट आने से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. तीन दिन के वैश्विक निवेश सम्मेलन ‘इन्वेस्ट कर्नाटक-2022’ का शुक्रवार को समापन हो गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस तीन दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘इन्वेस्ट कर्नाटक 2022’ को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित किया था. इन तीन दिन में कर्नाटक में 9.8 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए जिनमें दो लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश नवीकरणीय ऊर्जा में किए जाने के प्रस्ताव हैं. सम्मेलन के समापन समारोह में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यह जानकारी दी.
निवेश के प्रस्ताव हमारी उम्मीदों से ज्यादा- सीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कर्नाटक को निवेश का मुख्य केंद्र बताया और उसकी संस्कृति, भाषा एवं लोगों की बुधवार को तारीफ की. पीएम मोदी ने कहा कि कई क्षेत्रों में राज्य की दोगुनी रफ्तार का एक कारण बीजेपी की ‘डबल इंजन’ वाली सरकार की ताकत है.
चीफ मिनिस्टर बसवराज बोम्मई ने कहा, ‘‘निवेश के प्रस्ताव हमारी उम्मीदों से कहीं आगे हैं. हमारी सरकार गंभीर है और हम गंभीर निवेशक चाहते हैं. ये एमओयू सिर्फ एक संकेतक हैं. यह देखना अहम है कि इनमें से कितने एमओयू असली निवेश में तब्दील होते हैं.’’ उन्होंने बताया कि 9.8 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश प्रस्तावों में से 2.83 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावों को पहले ही स्वीकृति दी जा चुकी है जो कि 29 प्रतिशत क्रियान्वयन को दर्शाता है.
इन सेक्टर्स में आया बड़ा निवेश
कई बड़ी कंपनियों ने कोर और जनरल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश करने की इच्छा जताई है. निर्माण क्षेत्र में 25 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट होगा. वहीं, रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर दूसरा सबसे पसंदीदा सेक्टर रहा है जिसमें 8 कंपनियों ने निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है.
सीएम बोम्मई ने कहा, ‘‘मैं पिछले निवेश सम्मेलनों में हुए एमओयू और वास्तविक निवेश के बीच के अधिक फासले को दोहराने के पक्ष में नहीं हूं. कोई भी सरकार असली निवेश के आंकड़े नहीं देगी लेकिन मैं पारदर्शिता लाने के पक्ष में हूं और निवेशकों के प्रति ईमानदार रहना चाहता हूं.’’
(भाषा से इनपुट के साथ)