7th Pay Commission DA Hike 50%: महंगाई भत्ता का एक नियम है. सरकार ने साल 2016 में जब 7वां वेतन आयोग लागू किया तो उस वक्त महंगाई भत्ते को शून्य कर दिया गया था. नियमों के मुताबिक, महंगाई भत्ता जैसे ही 50 फीसदी तक पहुंचेगा, इसे शून्य कर दिया जाएगा.
7th Pay Commission DA Hike 50%: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए हर साल दो बार महंगाई भत्ते में इजाफा होता है. लेकिन, ये इजाफा कितना होगा ये महंगाई के क्रम पर निर्भर करता है. दुनिया के कई देश इस वक्त महंगाई (Inflation) से जूझ रहे हैं. भारत में भी महंगाई का क्रम तेजी से ऊपर की तरफ बढ़ता दिख रहा है. देश का सेंट्रल बैंक (RBI) भी आशंका जता चुका है कि महंगाई काबू में नहीं है. आने वाले दिनों में महंगाई के तेजी पकड़ने के आसार हैं. यही वजह है कि आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति को समय से पहले नवंबर में करने जा रहा है. बढ़ती महंगाई भले ही देश के लिए अच्छी नहीं है. लेकिन, महंगाई के अनुपात में केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते में इजाफा होना तय है. खैर महंगाई को अगर छोड़ दें तो भी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (Dearness allowance) आने वाले वक्त में सैलरी इंक्रीमेंट लेकर आ रहा है. आइये समझते हैं कैसे…
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अगले साल मिलेगा 4 फीसदी का तोहफा
हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA Hike) में 4 फीसदी का इजाफा हुआ है. ये इजाफा जुलाई 2022 से लागू हुआ. अब जनवरी 2023 से अगला महंगाई भत्ता लागू होना है. उम्मीद है कि अगला इजाफा भी 4 फीसदी होगा. एक्सपर्ट की मानें तो जिस तरह महंगाई के हालात हैं, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में महंगाई भत्ते में भी 4 फीसदी की तेजी आएगी. अभी महंगाई दुनिया की तुलना में देश में काफी कम है, लेकिन जनवरी 2023 तक तस्वीर कुछ और हो सकती है. ऐसे में 4 फीसदी बढ़ने पर महंगाई भत्ता 42 फीसदी पर पहुंच जाएगा.
50 फीसदी महंगाई भत्ता होते ही बढ़ेगी बेसिक सैलरी
महंगाई भत्ता का एक नियम है. सरकार ने साल 2016 में जब 7वां वेतन आयोग लागू किया तो उस वक्त महंगाई भत्ते को शून्य कर दिया गया था. नियमों के मुताबिक, महंगाई भत्ता जैसे ही 50 फीसदी तक पहुंचेगा, इसे शून्य कर दिया जाएगा और 50 फीसदी के अनुसार जो पैसा भत्ते के रूप में कर्मचारियों को मिल रहा होगा, उसे बेसिक सैलरी यानि न्यूनतम सैलरी में जोड़ दिया जाएगा. मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18000 रुपए है तो उसे 50 फीसदी DA का 9000 रुपए मिलेगा. लेकिन, 50 फीसदी DA होने पर इसे बेसिक सैलरी में जोड़कर फिर से महंगाई भत्ता शून्य कर दिया जाएगा.
महंगाई भत्ता कब किया जाता है शून्य?
जब भी नया वेतनमान लागू किया जाता है कर्मचारियों को मिलने वाले DA को मूल वेतन में जोड़ दिया जाता है. जानकारों का कहना है कि यूं तो नियम कर्मचारियों को मिलने वाले शत-प्रतिशत डीए को मूल वेतन में जोड़ना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता. वित्तीय स्थिति आड़े आती है. हालांकि, साल 2016 में ऐसा किया गया. उससे पहले साल 2006 में जब छठा वेतनमान आया तो उस समय पांचवें वेतनमान में दिसंबर तक 187 प्रतिशत DA मिल रहा था. पूरा डीए मूल वेतन में मर्ज दिया गया था. इसलिए छटे वेतनमान का गुणांक 1.87 था. तब नया वेतन बैंड और नया ग्रेड वेतन भी बनाया गया था. लेकिन, इसे देने में तीन साल लग थे.
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सरकार पर बढ़ता है वित्तीय बोझ
साल 2006 में छठे वेतन आयोग के समय नए वेतनमान को 1 जनवरी 2006 से लागू किया गया था, लेकिन इसकी अधिसूचना 24 मार्च 2009 को जारी की गई थी. इस देरी की वजह से सरकार को 39 से 42 महीने का डीए एरियर (DA Arrear) 3 किस्तों में 3 वित्तीय वर्षों 2008-09, 2009-10 एवं 2010-11 में भुगतान किया गया था. नया पे स्केल भी बनाया गया था. पांचवें वेतनमान में 8000-13500 वाले वेतनमान में 8000 पर 186 प्रतिशत DA 14500 रुपए होता था. इस लिए दोनों को जोड़ने पर कुल वेतन 22 हजार 880 हुआ. छठे वेतनमान में इसका समकक्ष वेतनमान 15600 -39100 प्लस 5400 ग्रेड पे निर्धारित किया गया. छठे वेतनमान में यह वेतन 15600-5400 प्लस 21000 और उस पर एक जनवरी 2009 को 16 प्रतिशत डीए 2226 जोड़ने पर कुल वेतन 23 हजार 226 रुपए तय किया गया. चौथे वेतन आयोग की सिफारिशें 1986, पांचवें की 1996, छठे की 2006 में लागू हुईं. सातवें कमीशन की सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू हुई.
कितनी बढ़ेगी सैलरी यहां देखिए
3% HRA भी बढ़ेगा
हाउस रेंट अलाउंस में भी अगला रिविजन 3% का होगा. अधिकतम मौजूदा दर 27 फीसदी से बढ़कर HRA 30 फीसदी हो जाएगा. लेकिन, यह तभी होगा जब महंगाई भत्ता (Dearness allowance revise) 50% के पार हो जाएगा. मेमोरेडम के मुताबिक, DA के 50 फीसदी क्रॉस होने पर HRA 30%, 20% और 10% हो जाएगा. हाउस रेंट अलाउंस (HRA) की कैटेगरी X, Y और Z क्लास शहरों के हिसाब से है. जो केंद्रीय कर्मचारी X कैटेगरी में आते हैं उन्हें 27 फीसदी HRA मिल रहा है, जो 50% DA होने पर 30% हो जाएगा. वहीं, Y Class वालों के लिए यह 18 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी हो जाएगा. Z Class वालों के लिए 9 फीसदी से बढ़कर 10 फीसदी हो जाएगा.