“Finfluencers” यानी फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर्स सोशल मीडिया पर फाइनेंशियल एडवाइस देते हैं. यह पूरी प्रैक्टिस सवालों के घेरे में है क्योंकि इसमें फर्जी सलाह, धोखाधड़ी, मिसइन्फॉर्मेशन जैसी चीजों का डर होता है. इस प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए अब मार्केट रेगुलेटर SEBI नए गाइडलाइंस लाने वाला है.
सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के बीच एक खेप है “फिनफ्लुएंसर्स” की, यानी फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर्स. ये फिनफ्लुएंसर्स सोशल मीडिया पर फाइनेंशियल एडवाइस देते हैं. यह पूरी प्रैक्टिस सवालों के घेरे में है क्योंकि इसमें फर्जी सलाह, धोखाधड़ी, मिसइन्फॉर्मेशन जैसी चीजों का डर होता है. सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से चल रही इस प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए अब मार्केट रेगुलेटर Securities and Exchange Board of India (SEBI) अब नए गाइडलाइंस लाने वाला है. सेबी ने पिछले दिनों बताया है कि वो ऐसा रेगुलेशन तैयार कर रहा है, जिसमें फेक इन्फॉर्मेशन और मिसगाइडेड होने से आम निवेशकों को बचाया जा सके.
क्यों है यह एक समस्या?
सोशल मीडिया पर ऐसे इंफ्लुएंसर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिनका स्टॉक मार्केट से कोई मतलब नहीं है, लेकिन ये स्टॉक रेकमेंड करते हैं, गलत डेटा शेयर करते हैं और लोगों को क्रिप्टो मार्केट पर सलाह देते हैं. भारी भरकम संख्या ऐसे इंफ्लुएंसर्स की है जो मार्केट पर अनाधिकृत सलाह देते रहते हैं. स्टॉक की डॉक्यूमेंट्री बनाकर पूरी हिस्ट्री बता देते हैं, बड़े-बड़े टारगेट देते हैं, फेक प्रोफाइल और फेक फोटो लगाकर किसी बड़े नाम के सहारे अनाधिकृत सलाह देते हैं.
डिस्क्लेमर से नहीं बच पाएंगे
ये फिनफ्लुएंसर्स जवाबदेही से बचने का एक खास तरीका निकालते हैं. हर ट्वीट में, वीडियो में पोस्ट में ये डिस्क्लेमर डाल देत हैं कि वो सेबी से रजिस्टर्ड नहीं हैं और सोचते हैं कि अब वो जवाबदेही से बच जाएंगे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सेबी ने साफ किया है कि ऐसा करने मात्र से आपकी जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाएगी. अगर आप अपने प्रोफाइल में बता देते हैं कि आप सेबी अनरजिस्टर्ड हैं तो इससे आप बच नहीं पाएंगे.
एक और समस्या ये है कि आप बड़े इंफ्लुएंसर्स और अकाउंट को टैप कर सकते हैं, लेकिन बड़ी संख्या ऐसे भी अकाउंट्स की है जो एक तरह से एनॉनिमस रहते हैं.
एक्सपर्ट्स के क्या हैं विचार?
Zee Business के पैनल में शामिल फाइनेंशियल एक्सपर्ट कुणाल साराओगी ने कहा कि ऐसे इंफ्लुएंसर्स के चलते निवेशकों को काफी नुकसान होता है, जिससे यह काफी जरूरी है. हालांकि, कुछ लोग फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का मुद्दा उठाते हैं, तो ये थोड़ा ट्रिकी बिजनेस है, लेकिन फिर भी इसको रेगुलेट करने की जरूरत है.
इक्विटी एक्सपर्ट राकेश बंसल ने कहा कि सेबी का लॉ पूरा क्लियर है, लेकिन पता नहीं एक्शन क्यों नहीं ले रहा है. ऐसा लगता है कि बस वो एक बार अनाउंस करके फिर एक्शन लेगा और ऐसा होना चाहिए क्योंकि ये बहुत धड़ल्ले से चल रहा है.