डिजिटल रुपया कारोबारों के लिए ऑनलाइन लेनदेन करना आसान बना देगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा, जो तेज और सुरक्षित लेनदेन की अनुमति देगा. यह डिजिटल भुगतान का एक नया तरीका है. इसके तहत आप बैंक से एक बार डिजिटल रुपए खरीदकर उससे किसी अन्य व्यक्ति या मर्चेंट को वॉलेट से वॉलेट डिजिटल ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.
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नई दिल्ली. भारत सरकार की डिजिटल रुपये की घोषणा के साथ, इस बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह मौजूदा डिजिटल वॉलेट के कारोबार को प्रभावित करेगा, जबकि डिजिटल रुपया अभी भी विकास के शुरुआती चरण में है, भारत में व्यवसायों के संचालन के तरीके पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.
डिजिटल रुपया कारोबारों के लिए ऑनलाइन लेनदेन करना आसान बना देगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा, जो तेज और सुरक्षित लेनदेन की अनुमति देगा. लेकिन अब यह सवाल सभी के मन में उठ रहा है कि क्या भुगतान का यह नया तरीका UPI और मोबाइल वॉलेट जैसे पेटीएम और गूगल पे का सीधा प्रतिस्पर्धी हो सकता है?
मोबाइल वॉलेट और UPI ऐप्स से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं
डिजिटल रुपये का पेटीएम, गूगल-पे और फोन-पे जैसे मोबाइल वॉलेट और UPI ऐप्स से कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है. यह सिर्फ डिजिटल भुगतान का एक नया तरीका है. इसके तहत आप बैंक से एक बार डिजिटल रुपए खरीदकर उसे किसी अन्य व्यक्ति या मर्चेंट को वॉलेट से वॉलेट ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. डिजिटल रुपये को आरबीआई का समर्थन होगा जिससे इसकी विश्वसनीयता और ज्यादा बढ़ जाएगी.
मौजूदा डिजिटल ट्रांजेक्शन से अलग कैसे होगा?
वर्तमान में हम किसी भी मर्चेंट को ई-वॉलेट या UPI के जरिए जो पेमेंट करते हैं, उसे डिजिटल करेंसी नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि इसके जरिए पैसा फिजिकल करेंसी के रूप में ही काम करता है. यानी आप भुगतान के लिए उपयोग की जाने वाली मुद्रा को वर्तमान भौतिक मुद्रा के बराबर मानते हैं. डिजिटल करेंसी पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड मुद्रा होगी जिसे सिर्फ डिजिटली एक्सेस किया जा सकेगा. आगे यह संभव है कि मोबाइल के जरिए भुगतान की सुविधा देने वाली कंपनियां अपने ऐप का एक भाग डिजिटल रुपये को दे सकती हैं.
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डिजिटल रुपया लाने का क्या मकसद है?
CBDC यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप होगा. वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में वित्त मंत्री ने ब्लॉकचैन आधारित डिजिटल रुपये को पेश करने की घोषणा की थी. वहीं केंद्रीय बैंक का कहना है कि मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय, डिजिटल रुपये का लक्ष्य डिजिटल मुद्रा का पूरक है. इसका मकसद उपभोक्ताओं को भुगतान के लिए अतिरिक्त विकल्प देना है.