सभी कंपनियों ने कीमत बढ़ाने के फैसले के पीछे उत्पादन लागत मूल्य में वृद्धि को वजह बताया है. हालांकि, कुछ कार कंपनियों ने यह नहीं बताया है कि वे कितनी कीमत बढ़ाने वाले हैं.
नई दिल्ली. वाहन विनिर्माता कंपनियों मर्सिडीज बेंज, ऑडी, रेनो, किआ इंडिया और एमजी मोटर ने लागत में बढ़ोतरी के चलते अगले महीने से अपने मॉडलों के दाम बढ़ाने की बुधवार को घोषणा की है. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया और टाटा मोटर्स नए साल से मॉडलों के दामों को बढ़ाने की घोषणा पहले ही कर चुकी हैं.
ऑडी इंडिया एक जनवरी से अपने सभी मॉडलों पर 1.7 प्रतिशत दाम बढ़ाएगी, जबकि मर्सिडीज बेंज इंडिया 5 प्रतिशत की कीमत बढ़ोतरी करेगी. किआ इंडिया ने कहा कि मॉडल और वैरिएंट के आधार पर मूल्य वृद्धि की मात्रा 50,000 रुपये तक होगी. हालांकि, रेनो ने यह नहीं बताया कि वह अपने वाहनों की कीमत में कितनी वृद्धि करने जा रही है. वहीं एमजी मोटर इंडिया ने कहा कि वह जल्द ही मॉडल और वेरियंट के आधार पर कीमतों में दो-तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी करेगी.
रेनो इंडिया ने बताई यह वजह
ज्यादातर कंपनियों ने वाहनों के दाम बढ़ाने के फैसले के पीछे उत्पादन लागत मूल्य में वृद्धि को वजह बताया है. रेनो इंडिया ने एक बयान में कहा, ”महंगी वस्तुओं, विदेशी मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव, महंगाई दर और नियामकीय जरूरतों से कंपनी पर लागत दबाव बढ़ा है. कीमतों में बढ़ोतरी लागत में वृद्धि को आंशिक रूप से रोकने की कोशिश की है.” रेनो छोटी कार क्विड, बहुउद्देश्यीय वाहन ट्राइबर और कॉम्पैक्ट एसयूवी काइगर जैसे मॉडल बेचती है.
मारुति ने दी ये सफाई
मारुति सुजुकी ने कहा कि उसने लागत को कम करने के लिए अधिकतम प्रयास किए हैं और आशिंक रूप से इस वृद्धि को रोकने की कोशिश की है. लेकिन अब कीमतों में वृद्धि जरूरी हो गई है. कंपनी की जनवरी 2023 से अपने वाहनों की कीमतें बढ़ाने की योजना है. यह सभी मॉडलों पर अलग-अलग होगी. हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वह कीमतों में कितनी वृद्धि करने जा रही है.
टाटा ने नए नियमों को बताया जिम्मेदार
इससे पहले टाटा मोटर्स ने कहा कि वह अपने मॉडलों को एक अप्रैल 2023 से लागू होने वाले उत्सर्जन नियमों के अनुरूप बनाने के लिए यात्री वाहनों की कीमतें बढ़ाने पर विचार कर रही है. टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि कीमतों में संशोधन से कार बनाने के लिए जरूरी सामान की बढ़ी हुई कीमतों के प्रभाव को भी दूर किया जा सकेगा, जो साल के अधिकांश समय ऊंचे स्तर पर बनी रही हैं.”