Garud Puran for Soul: गरुड़ पुराण में जन्म, मृत्यु और पुर्नजन्म को लेकर बहुत महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. इसमें बच्चों की मृत्यु और उसके बाद उनकी आत्मा के सफर को लेकर बहुत अहम उल्लेख किया गया है.
Garud Puran on Child Death : हिंदू धर्म में किसी परिजन की मृत्यु के बाद घर में गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है. गरुड़ पुराण को महापुराण का दर्जा दिया गया है. इसमें जन्म, मृत्यु, पुर्नजन्म, कर्मों के फल, मौत के बाद आत्मा के सफर को लेकर अहम बातें बताई गई हैं. इसमें स्वर्ग और नरक के बारे में भी बताया गया है कि व्यक्ति को मरने के बाद कर्मों के आधार पर किस तरह के कष्ट उठाने पड़ते हैं या सुख मिलते हैं. गरुड़ पुराण में वयस्कों के अलावा बच्चों की मृत्यु और उनकी आत्मा से जुड़ी बहुत अहम जानकारियां दी गई हैं.
सीधे स्वर्ग जाती हैं बच्चों की आत्माएं
गरुड़ पुराण के अनुसार वयस्क व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा या तो स्वर्ग या नरक में जाती है या भटकती रहती है. जातक के कर्मों के आधार पर उसकी आत्मा के साथ यथोचित व्यवहार होता है. यदि उसने खराब कर्म किए हों तो उसे बहुत कष्टदायी मृत्यु मिलती है और आत्मा को भी बहुत कष्ट झेलने पड़ते हैं. वहीं अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति को आसान मृत्यु मिलती है और उसके बाद स्वर्ग में स्थान मिलता है. वहीं बच्चे की मृत्यु होने पर उसकी मृत्यु सीधे स्वर्ग जाती है.
15 वर्ष से कम आयु वाले जाते हैं स्वर्ग
गरुड़ पुराण के अनुसार 15 वर्ष से कम आयु में मृत्यु होने पर जातक की आत्मा सीधे स्वर्ग जाती है. 15 साल से कम उम्र के जातक को बच्चों की श्रेणी में गिना जाता है. इस उम्र तक मृत्यु होने पर यानी कि बच्चे की मृत्यु होने पर उसकी आत्मा को स्वर्ग में स्थान मिलता है. बच्चे अबोध होते हैं और भगवान विष्णु ने खुद बच्चों की आत्मा के लिए सीधे स्वर्ग के द्वार खोलने का आशीर्वाद दिया है. इसलिए बच्चों को उनके कर्म नहीं बल्कि आयु के आधार पर स्वर्ग में स्थान मिलता है.