Cancer prevention: कैंसर एक जानलेवा बीमारी है लेकिन कैंसर के अधिकांश मामले को होने से रोका जा सकता है. अधिकांश कैंसर के मामले खराब लाइफस्टाइल के कारण आते हैं, ऐसे में लाइफस्टाइल से संबंधित छोटा सा बदलाव भी कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचा सकता है.
Tips to prevent cancer: विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक विश्व में 1.93 करोड़ कैंसर के मरीज हर साल इलाज कराने के लिए अस्पताल तक पहुंचते हैं. इनमें से 10 लाख लोगों की मौत हर साल विभिन्न तरह के कैंसर के कारणों होती है. कैंसर आज भी सबसे खतरनाक बीमारी है. लोग कैंसर का नाम सुनकर ही सिहर जाते हैं. कोई नहीं चाहता कि उनके परिवार में भी किसी को कैंसर हो. लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो कैंसर के अधिकांश मामलों से बचा जा सकता है. ज्यादातर कैंसर के लिए हम खुद ही जिम्मेदार हैं. कैंसर को जिस तरह से हम कलंक मानते हैं और इस बीमारी को लेकर चर्चा करने से कतराते हैं, वह और भी खतरनाक है. दरअसल, कैंसर के मुख्य रूप से जीन, लाइफस्टाइल और पर्यावरण जिम्मेदार है. इनमें से पर्यावरणीय कारणों से होने वाले कैंसर से बचने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी जरूरी है. पर लाइफस्टाइल से संबंधित कारणों से हम खुद बचाव कर सकते है.
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एचटीकी खबर के मुताबिक कैंसर इंस्टीट्यूट में मॉलिक्यूलर ऑकोंलॉजी एंड कैंसर जेटेटिसिस्ट डॉ अमित वर्मा बताते हैं, “कैंसर एजिंग से संबंधित बीमारी है जिसके लिए कई तरह के जींस, लाइफस्टाइल और पर्यावरणीय कारण जिम्मेदार होते हैं. इनमें से कुछ जोखिमों से बचा जा सकता है. यानी यदि आप इन जोखिमों को अपने जीवन से निकाल सकते हैं तो बहुत से कैंसर से बचा जा सकता है. इसे प्राथमिक बचाव या प्राइमरी प्रिवेंशन कहते हैं. ” डॉ अमित वर्मा कहते हैं कि कैंसर के लिए सबसे ज्यादा सिगरेट, शराब और तंबाकू जिम्मेदार है. इन गंदी आदतों के कारण गर्दन, लंग्स, ब्लैडर, लिवर सहित कई तरह के कैंसर होते हैं. इन बुरी आदतों को छोड़ कर कई तरह के कैंसर के जोखिमों को कम कर सकते हैं. डॉ अमित वर्मा ने बताया कि लाइफस्टाइल बॉडी के बीएमआई को प्रभावित करता है और गलत खान-पान की आदतों के कारण ब्रेस्ट, कोलोन, यूटेरिन कैंसर हो सकता है. इसके लिए बीएमआई को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है. सीधे शब्दों में कहें जितने तरह के कैंसर होते हैं, उनमें से अधिकांश के जोखिम को अपनी दिनचर्या में सुधारकर कम कर सकते हैं.
कैंसर से बचने के टिप्स
नियमित जांच कराएं
चूंकि कैंसर के पहले से लक्षणों को समझना मुश्किल है, इसलिए नियमित रूप से कैंसर की स्क्रीनिंग कराना बहुत स्मार्ट फैसला है. ब्रेस्ट, सर्विकल, कोलोरेक्टर कैंसर की पहचान स्क्रीनिंग से समय से बहुत पहले की जा सकती है.
वैक्सीनेशन
महिलाओं में सर्विकल कैंसर के लिए ह्यूमन पेपोलोमावायरस जिम्मेदार होता है. इसके लिए कम उम्र में ही वैक्सीन ले ली जाए तो कभी सर्विकल कैंसर की बीमारी नहीं होगी. हेपटाइटिस बी का टीका लगाने से लिवर कैंसर का जोखिम कम हो जाता है.
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सुरक्षित संबंध
ह्यूमन पेपोलोमावायरस के कारण सर्विकल कैंसर और गले से संबंधित कैंसर होता है. इससे टॉन्सिल और जीभ पर भी इंफेक्शन हो सकता है. यह वायरस असुरक्षित यौन संबंधों से भी हो सकता है. इसलिए सुरक्षित संबंध बनाना कई तरह के कैंसर से बचा जा सकता है. सुरक्षित संबंध से हेपटाइटिस बी और सी से भी बचा जा सकता है. अगर हेपटाइटिस की बीमारी न हो तो लिवर कैंसर का जोखिम बहुत कम हो जाता है.
नियमित एक्सरसाइज
नियमित रूप से 45 मिनट से लेकर 1 घंटे तक की एक्सरसाइज कैंसर ही नहीं कई अन्य बीमारियों के जोखिम से बचाएगी. नियमित एक्सरसाइज से बीएमआई यानी मोटापा नहीं बढ़ेगा और जब मोटापा नहीं बढ़ेगा तो बॉडी अपने आप कई बीमारियों से खुद की रक्षा कर लेगी. इसलिए रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें. एक्सरसाइज के लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है. रनिंग, वॉकिंग, स्विमिंग, साइक्लिंग ही इसके लिए सही है.
हेल्दी डाइट
कुदरत ने जिस मौसम में जिस तरह की फल और सब्जियां दी है, उनका ही सेवन करें. अनहेल्दी डाइट से दूर रहे. यानी ज्यादा फैट वाले फूड, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा नमक, ज्यादा मिठी चीजें न खाएं. हर रोज कई तरह के फल और सब्जियां का सेवन करें.