Saving Scheme For Girl: बालिका योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर को जनवरी-मार्च 2023 तिमाही के लिए अपरिवर्तित रखा गया है. हालांकि इस योजना में फिलहाल 7.6 फीसदी की दर से रिटर्न दिया जा रहा है जो कि अभी भी आकर्षक है.
Sukanya Samriddhi Yojana: केंद्र सरकार की ओर से कई स्कीम चलाई जा रही है. इन स्कीम के जरिए सरकार लोगों के हितों को ध्यान में रखकर उन्हें मदद उपलब्ध करवाती है. इसी क्रम में सरकार बेटियों के लिए भी कई योजनाएं चला रही हैं. साथ ही बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए भी सरकार की ओर से योजनाएं चलाई जा रही हैं. इनमें सुकन्या समृद्धि योजना भी शामिल है. अगर बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो इस योजना का फायदा उठाया जा सकता है.
ये भी पढ़ें – Bank Account: गलती से किसी और के खाते में भेज दिए पैसे, जानिए कैसे मिल सकते हैं वापस?
सुकन्या समृद्धि योजना
बालिका योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर को जनवरी-मार्च 2023 तिमाही के लिए अपरिवर्तित रखा गया है. हालांकि इस योजना में फिलहाल 7.6 फीसदी की दर से रिटर्न दिया जा रहा है जो कि अभी भी आकर्षक है क्योंकि यह पूरी तरह से जोखिम मुक्त और सरकार समर्थित भी है. यह योजना एक बालिका के माता-पिता को उसके भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करती है.
सुकन्या समृद्धि
इस योजना के तहत 10 वर्ष से कम आयु की बालिका के नाम पर अभिभावक के जरिए सुकन्या समृद्धि योजना खाता खोला जा सकता है. एक बार जब लड़की 18 साल की हो जाएगी तो वह खाताधारक बन जाएगी. यह खाता एक परिवार में अधिकतम दो लड़कियों के लिए खुलवाया जा सकता है. बशर्ते जुड़वां/तीन लड़कियों के जन्म के मामले में दो से अधिक खाते खोले जा सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना राशि
सुकन्या समृद्धि योजना खाता किसी भी बैंक या डाकघर में खोला जा सकता है और अन्य बैंक शाखाओं या डाकघरों में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है. इस योजना में निवेश की अवधि 15 वर्ष और परिपक्वता अवधि 21 वर्ष है. इस खाते में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं.
ये भी पढ़ें – Aaj Ka Rashifal : इन 5 राशि के लोगों को नौकरी और व्यापार में मिलेंगे बेहतरीन मौके, पढ़ें दैनिक राशिफल
सुकन्या समृद्धि योजना ब्याज
सुकन्या समृद्धि योजना के खाताधारक अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही के दौरान जमा के लिए 7.6 प्रतिशत की ब्याज दर अर्जित करेंगे. अर्जित ब्याज प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में खाते में जमा किया जाता है और आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत छूट के लिए पात्र है. जमा राशि भी उसी धारा के तहत छूट प्राप्त है.