Auto Taxi Fare Hike- दिल्ली में ऑटो और टैक्सी परिवहन के प्रमुख साधन हैं. इनके किराए में इजाफा होने से आम आदमी की जेब पर बोझ पड़ेगा और उसका दैनिक खर्च बढ़ जाएगा.
नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में रहने वाले लोगों को अब कहीं आने-जाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. अरविंद केजरीवाल सरकार ने नई दिल्ली में ऑटो और टैक्सी के किराए में इजाफा कर दिया है. ऑटो-रिक्शा के लिए शुरुआती दूरी के लिए न्यूनतम किराया (मीटर डाउन चार्ज) 25 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है. इस सीमा के बाद हरेक किलोमीटर पर किराये को 9.50 रुपये से बढ़ाकर 11 रुपये कर दिया गया है.
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मनीकंट्रोलकी एक रिपोर्ट के अनुसार, नॉन एसी टैक्सियों में सफर करने वाले यात्रियों को अब न्यूनतम 40 रुपये किराये के बाद प्रति किलोमीटर 17 रुपये के हिसाब से किराया देना होगा. पहले यह किराया 14 रुपये प्रति किलोमीटर था. एसी टैक्सी के किराए में भी अब 4 रुपये का इजाफा कर दिया गया है. पहले प्रति किलोमीटर किराया 16 रुपये था, जिसे अब बढ़ाकर 20 रुपये प्रति किमी कर दिया गया है.
नाइट चार्ज में नहीं हुई वृद्धि
ऑटो के लिए नाइट चार्ज 25 फीसदी है. सरकार ने इसमें इजाफा नहीं किया है. नाइट चार्ज 11 बजे के बाद सुबह के 5 बजे तक लगता है. वेटिंग चार्ज, जो वर्तमान में 30 रुपये है, 15 मिनट के ठहरने के बाद 1 रुपये प्रति मिनट के हिसाब से लिया जाएगा और अतिरिक्त सामान शुल्क 10 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये कर दिया गया है.
2020 में बढ़ा था किराया
ऑटोरिक्शा के किराए में आखिरी बार संशोधन 2020 में हुआ था. जबकि टैक्सी, जिसमें काली-पीली टैक्सी, इकोनॉमी टैक्सी और प्रीमियम टैक्सी शामिल हैं, के किराए में आखिरी बार परिवर्तन नौ साल पहले 2013 में हुआ था.
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सीएनजी की कीमतों में भारी बढ़ोतरी
2020 में कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) का रेट 47 रुपये था, जो अब बढ़कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में 78.61 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. सीएनजी की कीमतों में वृद्धि होने से ऑटो और टैक्सी यूनियन कई दिनों से किराए में इजाफा करने की मांग सरकार से कर रही थी.
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को किराए में बढ़ोतरी के लिए ऑटोरिक्शा और टैक्सी यूनियनों ने कई बार ज्ञापन दिया था. सीएनजी की बढ़ती कीमत, ऑटोरिक्शा और टैक्सी की लागत और रख-रखाव खर्च में बढ़ोतरी और ऑटोरिक्शा और टैक्सी चालकों की शुद्ध कमाई को प्रभावित करने वाले कई अन्य कारणों पर विचार करके किराए की समीक्षा करने के लिए पिछले साल मई में 13 सदस्यों की एक समिति बनाई गई थी.