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राजनीति

प्रधानमंत्री मोदी का मिशन अमेरिका, विदेशी कूटनीति की नई इबारत लिखेगा यह दौरा, जानें बैठकों का पूरा शेड्यूल

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नई दिल्‍ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरान विदेशी कूटनीति की नई इबारत लिखेगा। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को इसके संकेत दिए। उन्‍होंने कहा कि यह यात्रा भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने के साथ ही जापान और आस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जाने का अवसर मुहैया कराएगी। जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने इस दौरे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ व्यक्तिगत केमिस्ट्री बनाने की कोशिश करेंगे। आइए जानें प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का पूरा शेड्यूल…

23 सितंबर के कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी का बुधवार को शुरू हुआ यह दौरा रविवार को समाप्त होगा। 23 सितंबर यानी गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी की पहली द्वि‍पक्षीय बैठक अमेरिका की उप राष्‍ट्रपति कमला हैरिस के साथ होगी। यह पहली बार होगा जब कमला हैरिस और पीएम मोदी आमने-सामने वार्ता करेंगे। हैरिस के साथ बैठक के बाद पीएम मोदी अमेरिका की दिग्‍गज कंपनियों के CEOs से मिलेंगे। यही नहीं पीएम मोदी आस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन और जापान के पीएम योशिहिदे सुगा के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं।

24 सितंबर को दर्ज होगी नई इबारत

शुक्रवार यानी 24 सितंबर को पीएम मोदी और अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन पहली बार आमने-सामने द्व‍िपक्षीय वार्ता करेंगे। अमेरिका के साथ संबंधों के लिहाज से इसे बेहद महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है। दुनियाभर की नजरें इस पर होंगी। इस बैठक में दोनों नेता रक्षा, द्व‍िपक्षीय रिश्तों, आतंकवाद, अफगानिस्‍तान, वीजा और व्‍यापार जैसे मुद्दों पर मंथन करेंगे। इसके बाद पहली बार क्‍वाड देशों के चारों राष्ट्राध्यक्ष आमने-सामने बैठक करेंगे। इसमें आतंकवाद, चीन पाकिस्‍तान की चुनौती, अफगानिस्‍तान संकट पर चर्चा संभव है।

25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 को न्‍यूयार्क के लिए रवाना होंगे। पीएम मोदी न्‍यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का भी भाषण होगा। इसके बाद पीएम मोदी महासभा को संबोधि‍त करेंगे। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भारत पूरी ताकत से आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, कोरोना रोधी वैक्सीन की उपलब्धता, स्‍वतंत्र हिंद-प्रशांत के साथ साथ संयुक्त राष्ट्र में सुधार जैसे मुद्दों को उठाएगा।

26 सितंबर को वापसी

प्रधानमंत्री मोदी 26 सितंबर को न्‍यूयार्क में ही मौजूद रहेंगे। वह 26 सितंबर की रात को न्‍यूयार्क से भारत के लिए रवाना होंगे। न्‍यूयार्क में पीएम मोदी कुछ भारतीयों से भी मुलाकात कर सकते हैं हालांकि यह प्रधानमंत्री के शेड्यूल का हिस्सा नहीं है। अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी जो बाइडन से मिल रहे हैं। साल 2014 में पीएम मोदी जब पहली बार अमेरिका आए थे तब उप राष्‍ट्रपति बाइडन ने दोपहर के भोजन पर उनकी मेजबानी की थी। 

पीएम मोदी के साथ ये दिग्‍गज होंगे मौजूद

प्रधानमंत्री के साथ उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यात्रा पर रवाना होने से पहले जारी बयान में प्रधानमंत्री ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ वह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान करेंगे। साथ ही उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ भी उनकी विज्ञान एवं तकनीकी पर खास तौर पर वार्ता होगी। हैरिस ने मोदी से गत जून में फोन पर बातचीत की थी।

रिश्‍तों की नई केमि‍स्‍ट्री बनने की संभावना  

विदेश मंत्रालय के अधिकारी मानते हैं कि मोदी और बाइडन के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद एक अलग केमिस्ट्री बनने की संभावना है। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से लेकर आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मारीसन के साथ पीएम मोदी के रिश्तों में व्यक्तिगत केमिस्ट्री भी बेहद अहम रही है। सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी बाइडन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को भारत आने के लिए आमंत्रित करेंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो पीएम की इस यात्रा का एजेंडा उद्योग जगत एवं निवेश से भी जुड़ा है।

बेहद महत्‍वपूर्ण है यह दौरा

इस दौरे की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि व्हाइट हाउस और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि वो पीएम मोदी की ना सिर्फ शानदार आगवानी करने के लिए उत्सुक हैं वरन उन्‍होंने द्विपक्षीय रिश्तों के संदर्भ में महत्वपूर्ण एजेंडा भी तैयार कर रखा है। अधिकारियों का कहना है कि यह दौरा पीएम मोदी के लिए हाल ही में भारत सरकार की तरफ से आर्थिक सुधारों के संदर्भ में उठाए गए कदमों को वैश्विक निवेशकों के समक्ष रखने का एक बेहतरीन मौका होगा।

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