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उत्तर प्रदेश

राम जन्मभूमि स्थल को बम से उड़ाने की ‘धमकी’, मचा हड़कंप; अलर्ट पर पुलिस

अयोध्या में गुरुवार को राम जन्मभूमि स्थल को बम विस्फोट करके उड़ाने की कथित धमकी दिये जाने के बाद हड़कंप मच गया.

अयोध्या में गुरुवार को राम जन्मभूमि स्थल को बम विस्फोट करके उड़ाने की कथित धमकी दिये जाने के बाद हड़कंप मच गया. राम जन्मभूमि थानाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने बताया कि रामकोट इलाके में स्थित रामलला सदन मंदिर में रहने वाले मनोज नामक व्यक्ति ने पुलिस को इसकी सूचना दी थी कि आज तड़के उसके मोबाइल पर एक कॉल आई. सिंह के अनुसार मनोज ने बताया कि फोन करने वाले ने धमकी दी कि सुबह 10 बजे वह राम जन्मभूमि को विस्फोट करके उड़ा देगा. इसके बाद उसने कॉल काट दी.

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सिंह ने बताया कि इस सूचना पर सभी थानों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया और रामजन्म भूमि परिसर में कई थानों की पुलिस को तैनात कर दिया गया. उन्होंने बताया कि इस मामले में एक मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है. बता दें कि रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा 9 नवम्बर 2019 को दिये गए ऐतिहासिक निर्णय के बाद अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. इसके इस साल दिसम्बर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है.

नेपाल से पवित्र शिलाएं अयोध्या पहुंची

उधर, अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान राम की मूर्ति को तराशने में इस्तेमाल होने वाली नेपाल की गंडकी नदी से विशेष पवित्र शिलायें (चट्टान) अयोध्या पहुंच चुकी हैं. पवित्र शिलाएं बुधवार देर रात यहां पहुंचीं और उन्हें विशेष पूजा अर्चना के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेंट की गईं. यहां 51 वैदिक शिक्षकों ने शालिग्राम पवित्र शिलाओं की पूजा की और उसके बाद उन्हें मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया गया. नेपाल के जानकी मंदिर के महंत तपेश्वर दास ने श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को ये शालिग्राम शिलाएं भेंट की. इन पत्थरों से उकेरी गई राम की ‘बालरूप’ (बाल रूप) की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा, जिसके अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति तक तैयार होने की उम्मीद है.

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नेपाल से पवित्र शिलाएं अयोध्या पहुंची

उधर, अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान राम की मूर्ति को तराशने में इस्तेमाल होने वाली नेपाल की गंडकी नदी से विशेष पवित्र शिलायें (चट्टान) अयोध्या पहुंच चुकी हैं. पवित्र शिलाएं बुधवार देर रात यहां पहुंचीं और उन्हें विशेष पूजा अर्चना के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेंट की गईं. यहां 51 वैदिक शिक्षकों ने शालिग्राम पवित्र शिलाओं की पूजा की और उसके बाद उन्हें मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया गया. नेपाल के जानकी मंदिर के महंत तपेश्वर दास ने श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को ये शालिग्राम शिलाएं भेंट की. इन पत्थरों से उकेरी गई राम की ‘बालरूप’ (बाल रूप) की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा, जिसके अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति तक तैयार होने की उम्मीद है.

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विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र सिंह पंकज 25 जनवरी को नेपाल के मुस्तांग जिले से दो पवित्र शिलाओं की खेप लेकर रवाना हुए थे. नेपाल के मुस्तांग जिले में शालिग्राम या मुक्तिनाथ (शाब्दिक रूप से “मोक्ष का स्थान”) के करीब एक स्थान पर गंडकी नदी में पाए गए छह करोड़ वर्ष पुराने विशेष चट्टानों से पत्थरों के दो बड़े टुकड़े पिछले बुधवार को नेपाल से रवाना किए गये थे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने पहले बताया था, ‘ये शालिग्राम शिलाएं छह करोड़ साल पुरानी हैं.

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