India vs Australia Test: भारत को घर में टेस्ट सीरीज में हराना लगभग नामुमकिन है. इसका सबूत है टीम इंडिया पिछली बार 2012 में घर में टेस्ट सीरीज हारी थी. इसके बाद से सिर्फ 4 मैच गंवाए हैं. उन सभी मुकाबलों में भारत की हार की वजह विपक्षी टीम के स्पिन गेंदबाज रहे हैं. ऐसे में भारत के लिए इधर कुआं, उधर खाई वाली स्थिति है. क्योंकि हाल के सालों में भारतीय बल्लेबाज स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ संघर्ष करते नजर आए हैं. ऐसे में टर्निंग ट्रैक पर मैच हुए तो फिर पासा पलट सकता है.
नई दिल्ली. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 टेस्ट की सीरीज का आगाज 9 फरवरी से नागपुर में होगा. सीरीज शुरू होने से पहले पिच को लेकर काफी बातें हो रही. जहां ऑस्ट्रेलिया टीम भारतीय स्पिन गेंदबाजों से निपटने के लिए बैंगलुरू में टर्निंग ट्रैक पर तैयारी कर रही. तो वहीं, टीम इंडिया ने भी ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाजों से निपटने के लिए पूरे 10 स्पिनर को मैदान में उतार दिया है. नागपुर टेस्ट से पहले 10 स्पिन गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों को अभ्यास करा रहे.
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टर्निंग ट्रैक को लेकर ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा भारत को टेंशन है. टीम इंडिया की स्थिति इधर कुआं, उधर खाई जैसी है. क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अगर भारत ने स्पिन गेंदबाजों के मददगार विकेट बनवाए तो जितना नुकसान ऑस्ट्रेलिया का होगा, उतना ही भारत को भी हो सकता है. क्योंकि हाल के सालों में भारत को टेस्ट में ज्यादातर मुकाबलों में हार का सामना विपक्षी टीम के स्पिन गेंदबाजों की वजह से करना पड़ा है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में पिच का मिजाज कैसा रहता है?
टीम इंडिया को घर में टेस्ट में हराना लगभग नामुमकिन है. आंकड़े इस बात का सबूत है. भारत पिछली बार 2012 में घर में टेस्ट सीरीज हारा था. इसके बाद भारत ने घर में 15 टेस्ट सीरीज जीती है. 2012 की शुरुआत से भारत ने अब तक घर में सिर्फ 4 टेस्ट ही गंवाए हैं. इन सभी हार में जो एक बात कॉमन थी, वो थी विपक्षी टीम के स्पिन गेंदबाजों की भूमिका.
भारत पिछली बार घर में 2012 में टेस्ट सीरीज हारा था
2012 में जब भारत पिछली बार घर में इंग्लैंड के हाथों टेस्ट सीरीज हारा था. तब मुंबई टेस्ट में इंग्लैंड के बाएं हाथ के स्पिनर मोंटी पनेसर ने 11 विकेट लिए थे. वहीं, ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने भी 8 विकेट झटके थे. उसी सीरीज के कोलकाता टेस्ट में पनेसर ने पहली पारी में 4 विकेट झटककर भारत को बैकफुट पर धकेल दिया था. इंग्लैंड ने यह टेस्ट 7 विकेट से जीता था. इंग्लैंड 4 टेस्ट की यह सीरीज 2-1 से जीता था.
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घर में मिली 4 हार में विपक्षी स्पिन गेंदबाजों का अहम रोल
भारत को टेस्ट में पिछली बार फरवरी 2021 में इंग्लैंड के हाथों ही हार झेलनी पड़ी थी. तब चेन्नई में हुए सीरीज के पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को 227 रन के बड़े अंतर से हराया था. इस टेस्ट में इंग्लैंड के दोनों स्पिनर डॉम बेस और जैक लीच ने कुल 11 विकेट लिए थे.
इससे पहले, भारत में 2017 में खेली गई पिछली बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पुणे में हुए पहले टेस्ट में भारत को हार का सामना करना पड़ा था. उस मैच में भी भारत की हार की वजह ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर ही बने थे. तब बाएं हाथ के स्पिन स्टीफ ओ कीफ ने मैच में कुल 12 विकेट लिए थे. वहीं, नाथन लॉयन ने पांच विकेट झटके थे.
पिछले 1 दशक में भारत ने घर में जितने भी टेस्ट गंवाए हैं. उसमें विपक्षी टीम के स्पिन गेंदबाज भी भारत पर हावी रहे हैं. यही वजह है कि टर्निंग ट्रैक का दांव भारत पर उल्टा पड़ सकता है.
भारतीय बल्लेबाज फॉर्म में नहीं
भारत का हालिया टेस्ट रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है. भारत ने 2022 में 7 टेस्ट खेले. इसमें से 4 जीते और 3 गंवाए. भारत ने 2 टेस्ट बांग्लादेश के खिलाफ जीते. हालांकि, यह दोनों टेस्ट जीत भी टीम इंडिया के रुतबे के मुताबिक नहीं रही. पिछले साल विराट कोहली, रोहित शर्मा नहीं, बल्कि ऋषभ पंत टेस्ट में भारत के टॉप स्कोरर थे. उन्होंने 62 की औसत से 680 रन ठोके थे. पंत के बल्ले से 2 शतक और 4 अर्धशतक निकले थे. उन्होंने कई मौकों पर टीम की हार टाली थी. वो इस बार टीम के साथ नहीं हैं.
वहीं, श्रेयस अय्यर पिछले साल टेस्ट में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले भारतीय बैटर थे. उन्होंने 5 मैच में 422 रन बनाए थे. वो भी नागपुर टेस्ट से बाहर हैं. दिलचस्प बात यह है कि विराट कोहली (265) से ज्यादा रन तो आर अश्विन (270) ने बनाए थे. केएल राहुल ने 8 पारी में 18 की औसत से 137, रोहित ने तो 2 टेस्ट ही खेले और 90 रन बनाए.
पिछले साल भी ज्यादातर भारतीय बल्लेबाज स्पिन गेंदबाजों का ही शिकार बने. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टर्निंग ट्रैक बनाने का फैसला उल्टा पड़ सकता है.