सरकार ने नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के लिए एफसीआई के गेहूं का दाम 23.50 रुपये से घटाकर 21.50 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है.
नई दिल्ली. महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने अहम कदम उठाया है. आटे की बढ़ती कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ रखा है. बाजार में भारतीय खाद्य निगम (FCI) के स्टॉक को निकालने के बावजूद गेहूं के दाम ऊंचे बने हुए हैं. ऐसे मे केंद्र सरकार ने भारत भर में ई-नीलामी के जरिए थोक ग्राहकों को गेहूं की नीलामी 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर करने का फैसला किया है.
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इसके अलावा सरकार ने ढुलाई शुल्क को भी हटा दिया है. इसके साथ ही सरकार ने नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के लिए एफसीआई के गेहूं का दाम 23.50 रुपये से घटाकर 21.50 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है.
इन संस्थानों को गेहूं को आटे में बदलकर 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के अधिकतम खुदरा मूल्य पर बेचने को कहा गया था. अब उन्हें यह आटा 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बेचने को कहा गया है.
थोक उपभोक्ताओं को FCI गेहूं की अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को होगी: सरकार
खुले बाजार में बिक्री के तहत आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई गेहूं की बिक्री के लिए अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को होगी. खाद्य मंत्रालय ने हाल ही एक बयान में यह जानकारी दी. एफसीआई को देश में गेहूं और गेहूं उत्पादों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए खुले बाजार में बिक्री योजना (OMSS) के तहत थोक उपभोक्ताओं को अपने बफर स्टॉक से 25 लाख टन गेहूं बेचने की जिम्मेदारी दी गई है.
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ई-नीलामी के जरिए गेहूं की पहली बिक्री 1-2 फरवरी को हुई थी. 23 राज्यों में एफसीआई के डिपो से करीब 9.2 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई. प्रत्येक बुधवार को साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित करने की योजना थी. खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि ई-नीलामी के जरिए गेहूं की दूसरी बिक्री पूरे देश में 15 फरवरी बुधवार को होगी.’’