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धर्म

विजया एकादशी 2023: कठिन कार्यों में सफलता, शत्रु पर विजय के लिए रखें य​​ह व्रत, श्रीराम ने भी किया था पूजन

Vijaya Ekadashi Vrat 2023: इस साल 16 फरवरी और 17 फरवरी को विजया एकादशी व्रत है. यदि आप किसी कठिन कार्य में सफल होना चाहते हैं, जिसमें आपको सफलता की कम संभावना दिख रही है तो आपको 16 फरवरी को विजया एकादशी व्रत करना चाहिए.

इस साल 16 फरवरी और 17 फरवरी को विजया एकादशी व्रत है. गृहस्थों के लिए विजया एकादशी का व्रत 16 फरवरी को है. यदि आप किसी कठिन कार्य में सफल होना चाहते हैं, जिसमें आपको सफलता की कम संभावना दिख रही है तो आपको 16 फरवरी को विजया एकादशी व्रत करना चाहिए. इस व्रत को करने से सफलता प्राप्त होती है. यह व्रत तो शत्रुओं पर भी विजय दिलाने का उत्तम उपाय है.

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भगवान राम ने रखा था विजया एकादशी व्रत
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि जब भगवान श्रीराम पर संकट आया था तो उन्होंने भी विजया एकादशी का व्रत किया था और विधिपूर्वक भगवान विष्णु का पूजन किया था. माता सीता के हरण के बाद उनकी खोज, समुद्र पर सेतु बांधने और लंका पर विजय प्राप्ति के लिए भगवान राम ने विजया एकादशी का व्रत किया था. इस व्रत के पुण्य फल से उनको विजय प्राप्त हुई थी.

विजया एकादशी व्रत 2023 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, विजया एकादशी का व्रत हर साल फाल्गुन कृष्ण एकादशी तिथि को रखते हैं. इस साल यह दो दिन है. 16 फरवरी गुरुवार को सुबह 05 बजकर 32 मिनट से फाल्गुन कृष्ण एकादशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी और यह 17 फरवरी शुक्रवार को तड़के 02 बजकर 49 मिनट पर खत्म हो जाएगी.

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विजया एकादशी व्रत पर गुरुवार का शुभ संयोग
इस बार विजया एकादशी व्रत गुरुवार के दिन है. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का पूजन करते हैं और व्रत रखते हैं. विजया एकादशी व्रत भी भगवान विष्णु के पूजन का अवसर है. ऐसे में आप 16 फरवरी को विजया एकादशी व्रत रखकर के गुरुवार व्रत का भी पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं. सफलता प्राप्ति के आशीर्वाद के साथ गुरु ग्रह भी मजबूत होगा.

विजया एकादशी व्रत का पारण
यदि आप 16 फरवरी को विजया एकादशी व्रत रखना चाहते हैं तो यह व्रत 24 घंटे का होता है. सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक. व्रत का पारण 17 फरवरी को होगा. इस दिन सुबह 08 बजकर 01 मिनट से सुबह 09 बजकर 13 मिनट के मध्य विजया एकादशी व्रत का पारण कर लें. पारण करने से व्रत पूरा होता है.

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