Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में यह योजना लागू नहीं है. वहीं, दिल्ली, चंडीगढ़, दादर एंड नगर हवेली व दमन एंड दीव, लद्दाख और लक्षद्वीप जैसे केंद्रशासित प्रदेशों में भी पीएम फसल बीमा योजना लागू नहीं है.
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर बड़ा अपडेट आया है. झारखंड एक बार फिर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल होने जा रहा है. इस योजना के तहत किसानों को 2 लाख रुपये तक सालाना लाभ दिया जाता है. यह योजना कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अंतगर्त आती है. इस योजना के लिए केवल भारत के किसान ही आवेदन कर सकते हैं, लेकिन देश के 15 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में यह योजना लागू नहीं है. बता दें कि मोदी सरकार के आने के बाद से ही किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ लगातार मिल रहा है.
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पिछले दिनों ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि देश के 10 राज्यों और 5 केंद्रशासित प्रदेशों में यह योजना लागू नहीं है. फिलहाल अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में यह योजना लागू नहीं है. वहीं, दिल्ली, चंडीगढ़, दादर एंड नगर हवेली व दमन एंड दीव, लद्दाख और लक्षद्वीप जैसे केंद्रशासित प्रदेशों में भी यह योजना लागू नहीं है.
झारखंड एक बार फिर से शामिल होगा
बता दें कि 3 साल पहले झारखंड सरकार इस योजना से अपने को अलग कर लिया था. झारखंड की हेमंत सरकार साल 2016 से लागू पीएम फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को क्लेम नहीं दिए जाने का कारण बताकर योजना से अपने आपको अलग कर लिया था. लेकिन, पिछले दिनों सुखाड़ के कारण किसानों को राहत देने के मोदी सरकार के फैसले के बाद झारखंड एक बार फिर से इस योजना में शामिल होने का फैसला किया है.
किसानों को ऐसे मिलता है लाभ
फसल बीमा योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक जोखिमों से बचाया जा सकता है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि साल 2016 में लागू फसल बीमा योजना का कैग से ऑडिट कराया गया है. इसमें किसानों को फसल के बुआई से लेकर कटाई तक यह योजना कवच का काम करती है. यह योजना किसानों की मांग आधारित योजना है. साल 2016 से लेकर 2020 तक कुल फसलों के लिए 25 हजार 174 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया गया है.
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गौरतलब है कि पीएम फसल बीमा योजना से अलग होने वाले राज्यों में सभी गैर बीजेपी शासित राज्य ज्यादा हैं. इनमें बिहार, बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पंजाब भी शामिल हैं. किसानों को प्राकृतिक आपदा बाढ़, बारिश, भूस्खलन, सूखाड़ सहित अन्य रोगों से खराब हुई फसलों की सुरक्षा देने के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चला रही है. इस योजना के तहत बीमा कंपनियों को प्रीमियम की 50 प्रतिशत राशि राज्य और 50 प्रतिशत केंद्र को भुगतान करना होता है. किसानों को इस समय खरीफ फसलों के लिए बीमा राशि का 2 प्रतिशत, रबी फसलों का 1.5 प्रतिशत और व्यावसायिक फसलों के लिए अधिकतम 5 प्रतिशत का भुगतान करना होता है.