नई दिल्ली, पीटीआइ। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंगलवार को किशोर बियानी की अगुवाई वाले फ्यूचर ग्रुप (Future Group) की कंपनियों को शेयरधारकों और कर्जदाताओं की बैठक बुलाने की अनुमति दे दी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। फ्यूचर ग्रुप की कंपनियां अपनी परिसंपत्तियों को रिलायंस रिटेल लिमिटेड को बेचने की अनुमति मांगने के लिए इस बैठक का आयोजन करेंगी। इससे पहले NCLT की मुंबई स्थित दो सदस्यीय पीठ ने फ्यूचर ग्रुप की कंपनियों के विलय की स्कीम के विरोध में दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी Amazon द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया।
इस बारे में Amazon और Future Group के भेजे गए ईमेल का अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
Amazon ने फ्यूचर रिटेल के खिलाफ आर्बिट्रेशन से जुड़ी कार्यवाही पूरी नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए विलय की स्कीम के खिलाफ NCLT का रुख किया था।
सूत्रों ने कहा कि NCLT ने Amazon के आवेदन को ‘अपरिपक्व’ करार देते हुए खारिज कर दिया। सूत्रों ने बताया कि NCLT की पीठ ने कहा कि स्कीम पर विचार करने के लिए शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स की बैठक बुलाए जाने में किसी तरह दिक्कत नहीं है क्योंकि संबंधित पक्षों से मंजूरी मिलने के बाद जब स्कीम को अंतिम मंजूरी के लिए NCLT के पास भेजा जाएगा, तब भी Amazon के पास अपनी आपत्ति दर्ज कराने का अधिकार होगा।
सूत्रों ने कहा कि NCLT ने इस ओर भी इशारा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने उसे केवल स्कीम को मंजूरी को लेकर अंतिम आदेश देने से रोका था। अब फ्यूचर ग्रुप के पास शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स से सभी तरह की जरूरी अनुमति लेने का अवसर होगा। सूत्रों के मुताबिक अगर फ्यूचर ग्रुप को आर्बिट्रेशन कोर्ट में जीत हासिल हो जाती है, तो उसे इस स्कीम पर अमल में छह-नौ महीने तक के समय की बचत में मदद मिलेगी।
फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल के बीच के अरेंजमेंट के मुताबिक फ्यूचर ग्रुप अपने रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग एसेट्स को एक इकाई के रूप में कॉन्सॉलिडेट करेगा और उसके बाद रिलायंस रिटेल को ट्रांसफर कर देगा।
पिछले साल अगस्त में रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) ने कहा था कि वह 24,713 करोड़ रुपये में फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग बिजनेस का अधिग्रहण करेगा।