Agra Metro: आगरा की मेट्रो ट्रेनों में एक बार में 974 यात्री सफर कर सकेंगे. साथ ही ट्रेनों की रफ्तार 80-90 किमी प्रति घंटा तक होगी. आगरा मेट्रो ट्रेनें आधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी युक्त डिजाइन की गई हैं.
नई दिल्ली. ताजनगरी आगरा में भी अब बहुत जल्द मेट्रो भागती नजर आने वाली है. जिसके बाद आगरा के लोगों का मेट्रो में सफर करने का सपना पूरा होगा. बता दें कि आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पहली मेट्रो ट्रेन आ गई है. आगरा मेट्रो परियोजना के लिए पहली ट्रेन सोमवार को शहर के डिपो में पहुंची. इस दौरान आगरा मेट्रो के कोच की झलक देखने को मिली. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कमिश्नरी स्थित डिपो में कोचों को अनलोड किया. इस ट्रेन को मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत गुजरात के सांवली में बनाया गया है.
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उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने ट्विटर पर लिखा, आगरा के लोगों का मेट्रो में सफर करने का सपना जल्द ही पूरा होगा. #AgraMetro की पहली ट्रेन ताजनगरी पहुंच गई है. मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक, प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो का परिचालन अगले साल फरवरी में शुरू हो जाएगा.
आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस
शुरुआत में आगरा मेट्रो के लिए कुल 28 और प्रायोरिटी कॉरिडोर के लिए 6 ट्रेनें होंगी, जिनमें से प्रत्येक में तीन कोच होंगे. आगरा मेट्रो परियोजना के लिए मेट्रो ट्रेन पीले रंग की है और ये अति आधुनिक टेक्नोलॉजी और निर्बाध डिजाइन से लैस है. सभी स्टेशनों पर हर पांच मिनट में मेट्रो चलने का समय निर्धारित है. ट्रेनों में कार्बन डाइऑक्साइड आधारित सेंसर भी लगे हैं जो ऊर्जा की बचत करते हैं. यात्री ट्रेनों के बढ़ते भार के साथ Co2 आधारित सेंसर परिवेश का तापमान प्रदान करते हैं. सभी मेट्रो ट्रेनें रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस हैं और इससे 35 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत होगी.
एक बार में 974 यात्री कर सकेंगे सफर
आगरा की मेट्रो ट्रेनों में एक बार में 974 यात्री सफर कर सकेंगे. साथ ही ट्रेनों की रफ्तार 80-90 किमी प्रति घंटा तक होगी. आगरा मेट्रो ट्रेनें आधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी युक्त डिजाइन की गई हैं. प्रत्येक मेट्रो ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे. प्रत्येक ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग प्वाइंट और 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे. मेट्रो ट्रेनों में टाक बैक बटन की सुविधा भी दी गई है, जिससे इमरजेंसी कंडीशन में यात्री ट्रेन आपरेटर से बात कर सकें.
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मेट्रो का बुनियादी ढांचा बेहतर और सुंदर दिखाई दे इसके लिए मेट्रो ट्रेनें तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, ताकि इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता न पड़े. ट्रेनों में कार्बन-डाई-आक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम भी दिया गया है, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा.