ममता बनर्जी ने DA की मांग पर ये बात कही है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार राज्य सरकार के कर्मचारियों को अतिरिक्त महंगाई भत्ता (DA) नहीं दे पाएगी, भले ही उनका सिर कलम कर दिया जाए. सीएम ममता की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने बकाया महंगाई भत्ते की मांग को लेकर 10 मार्च को हड़ताल की घोषणा की है. सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार से शुरू हुए विधानसभा के विस्तारित बजट सत्र के दौरान सदन के पटल पर कहा कि “पिछली वाम मोर्चा सरकार ने साल-दर-साल डीए बकाया के भुगतान से इनकार किया था. हमारे सत्ता में आने के बाद हमने डीए भुगतान को कई गुना बढ़ा दिया. आपको और कितना चाहिए? आपको और क्या संतुष्ट करेगा? यदि आप मुझे पसंद नहीं करते हैं, तो आप मेरा सिर काट सकते हैं.”
ये भी पढ़ें– PM Modi Webinar: सरकार की तर्ज पर कॉरपोरेट जगत को भी निवेश बढ़ाना चाहिए : मोदी
सीएम ममता ने पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार के कर्मचारियों को मिल रहीं वार्षिक छुट्टियों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ये केंद्र सरकार या अन्य राज्यों में उनके समकक्षों द्वारा प्राप्त की जाने वाली छुट्टियों से कहीं अधिक हैं. राज्य सरकार के कर्मचारियों ने हर साल औसतन 40 दिनों की छुट्टी का आनंद लिया. त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में वहां के कर्मचारियों को इतनी सुविधाएं नहीं मिलती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने पेंशन योजना जारी रखी है, जबकि कई राज्य सरकारों ने इसे खत्म कर दिया है. पेंशन के इस भुगतान के लिए सरकारी खजाने से बड़ी रकम जा रही है. आप क्या चाहते हैं? क्या हम डीए का बकाया भुगतान करें और पेंशन योजना को बंद कर दें?
ये भी पढ़ें– Indian Railway: रेलवे टिकट के साथ ही स्टेशन पर मुफ्त मिलती है ये चीज, बहुत ही कम लोगों को है जानकारी
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बाद में पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार को सबसे पहले त्योहारों और मेलों के खातों पर फिजूलखर्ची को नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए और डीए बकाया का भुगतान नहीं करने के लिए इस तरह के बहाने बनाने से पहले राजस्व सृजन पर ध्यान देना चाहिए. आज नहीं तो कल, राज्य सरकार को बकाया डीए का भुगतान करना होगा, क्योंकि अदालत ने सही कहा है कि डीए प्राप्त करना कर्मचारियों का वैध अधिकार है न कि दान.