प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आधिकारिक तौर पर 5G सेवा को 1 अक्टूबर 2022 को लॉन्च किया था. हालांकि सिर्फ Jio ओर Airtel ही वर्तमान में 5G सेवाएं दे रहे हैं. इसके साथ ही 6जी की तैयारी भी शुरू हो गई है.
इस सप्ताह PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में शुरू होने के बाद से भारत में दुनिया में 5G दूरसंचार सेवाओं का सबसे तेज रोलआउट हुआ है. साल 2029 तक, देश को अपने 6G नेटवर्क के बुनियादी ढांचे को लॉन्च करने की उम्मीद है.
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वैष्णव, जिनके पास वर्तमान में रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी विभाग है, उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य दिसंबर 2023 तक 200 शहरों की सेवा करना था, लेकिन डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 397 शहरों में 5जी सेवाएं पहले ही शुरू की जा चुकी हैं. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2022 में भारत की 5G स्पेक्ट्रम नीलामी समाप्त होने के बाद 1 अक्टूबर, 2022 को औपचारिक रूप से 5G सेवाओं का उद्घाटन किया.
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मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार साल 2029 तक 6G नेटवर्क के बुनियादी ढांचे को विकसित करने का इरादा रखती है और भारत 6G तकनीक में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है. हालांकि उन्होंने इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं दी.
वर्तमान में, भारत में तीन सबसे बड़े दूरसंचार वाहकों में से केवल दो ही अपने ग्राहकों को 5G सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. नॉन-स्टैंडअलोन एक्सेस (एनएसए) तकनीक को शुरू में एयरटेल द्वारा व्यावसायिक सेटिंग में लागू किया गया था, जो ऐसा करने वाली पहली सेवा प्रदाता थी. दूसरी ओर, Jio एकमात्र भारतीय ऑपरेटर है जो 700 MHz बैंड का उपयोग करता है, और यह एकमात्र ऐसा भी है जिसने 5G स्टैंडअलोन एक्सेस (SA) (5G लो-बैंड स्पेक्ट्रम) को तैनात करने का निर्णय लिया है.