Kanpur Bdy Spcl: इतिहासकार बताते हैं कि कानपुर का नाम 20 बार बदला गया 1770 में पहली बार Grebial hoper ने CAWNPOOR कह कर संबोधित किया इसका दस्तावेजों में जिक्र मिलता है 1948 में यह KANPUR कहा जाने लगा करनपुर, कन्हापुर, कन्हैयापुर नाम से भी जाना गया.
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कानपुर. कानपुर आज 220 साल का हो गया है. अपने शहर कानपुर का मूल नाम कन्हापुर था. कानपुर की स्थापना कब हुई, इस बारे में इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं. लेकिन इस बात पर सभी एकमत है कि कानपुर की राजकीय स्थापना 24 मार्च 1803 ईस्वी को ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी. इतिहासकार बताते हैं कि कानपुर का नाम 20 बार बदला गया 1770 में पहली बार Grebial Hoper ने CAWNPOOR कह कर संबोधित किया. इसका दस्तावेजों में जिक्र मिलता है. 1948 में यह KANPUR कहा जाने लगा. यह शहर करनपुर, कन्हापुर और कन्हैयापुर के नाम से भी जाना गया.
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जाजमऊ से बिठूर तक चारों तरफ जंगल ही जंगल था, लेकिन इसके बीच गंगा किनारे एक मौजा पड़ता था. इतिहासकार बताते हैं कि सचेंडी के राजा हिंदू सिंह बादी अष्टमी के दिन यहां गंगा नहाने आए. जिसके बाद राजा ने इस स्थान को रहने के अनुकूल समझा और इस स्थान को आबाद करने के बारे में सोचा. मंत्रियों और राजा के गुरु ने भी उनके इस विचार की सराहना की और इसे उत्तम बताया. जिसके बाद उसी दिन राजा ने आबादी की बुनियाद रखी.
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कन्हैया अष्टमी के दिन नींव पढ़ने से इसका नाम कन्हापुर पड़ा
राजा हिंदू सिंह ने रमईपुर के राजा घनश्याम सिंह चौहान को आबादी बसाने की जिम्मेदारी दी. इतिहासकार अनूप शुक्ला बताते हैं यहां ब्राह्मण, ठाकुर, दर्जी, मल्लाह और दूसरी जातियों के लोग रहने लगे. वह बताते हैं कि लाला दरगाही लाल वकील तवारीख-ए-जिला कानपुर 1875 के प्रथम खंड में सचेंडी के राजा हिंदू सिंह द्वारा कानपुर को बसाने का उल्लेख है. कानपुर की स्थापना राजा कान्हा देव द्वारा किए जाने का भी वर्णन मिलता है.