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New Rules: कल से होने वाले हैं आयकर समेत कई जरूरी बदलाव, आपकी वित्तीय सेहत पर सीधा असर

नए वित्त वर्ष यानी 2023-24 की शुरुआत एक अप्रैल, 2023 से हो रही है। नए वित्त वर्ष में प्रवेश करने के साथ ही आयकर समेत कई बदलाव होंगे, जिनकी सूची लंबी है। इन बदलावों का सीधा असर आपकी-हमारी वित्तीय सेहत पर पड़ेगा। इसके अलावा, 2023-24 के आम बजट में कई नई घोषणाएं भी की गई हैं, जो एक अप्रैल से लागू होने जा रही हैं। वहीं, सोने की खरीदारी, म्यूचुअल फंड, रीट-इनविट, जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान संबंधी कई नियम भी बदल रहे हैं। आइए जानते हैं जरूरी बदलावों के बारे में…

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नई कर व्यवस्था : 7 लाख तक की कमाई पर अब छूट
अगर आप अगले वित्त वर्ष से आयकर रिटर्न भरने के लिए पुरानी या नई कर व्यवस्था में से किसी एक का चयन नहीं करते हैं तो नई व्यवस्था में डिफॉल्ट शामिल हो जाएंगे। 2023-24 के बजट में वित्त मंत्री ने इसे पेश किया था। नई कर व्यवस्था में छूट की सीमा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है। पुरानी कर व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की कमाई कर मुक्त है। ध्यान देने वाली बात है कि पुरानी कर व्यवस्था की तरह नई में आपको कई प्रकार की छूट का लाभ नहीं मिलेगा। अगर आप नई कर व्यवस्था का चुनाव करते हैं तो 7.27 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 25,000 रुपये का कर देना होगा।

स्टैंडर्ड डिडक्शन: 50,000 रुपये का उठा सकते हैं लाभ
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन अब नई कर व्यवस्था का हिस्सा होगा। इसके लिए करदाता 50,000 रुपये तक का दावा कर सकता है, जबकि 15.5 लाख रुपये या उससे अधिक की आय वाले प्रत्येक वेतनभोगी को स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 52,500 रुपये का लाभ होता है। नए वित्त वर्ष से गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए लीव एनकैशमैंट की सीमा 25 लाख रुपये कर दी गई है। पहले यह तीन लाख ही थी। 2002 में इसे तीन लाख रुपये किया गया था।

महिला सम्मान बचत योजना मिलेगा 7.50 फीसदी ब्याज
महिला सम्मान बचत योजना को पहली बार शुरू किया गया है। इसके तहत महिलाओं या युवतियों के नाम पर अधिकतम दो लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। इस पर 7.50 फीसदी की दर से तय ब्याज मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 2023-24 के बजट में पेश यह योजना केवल दो साल के लिए होगी। यानी महिला सम्मान बचत योजना मार्च, 2025 तक रहेगी। इस अवधि के दौरान दो लाख रुपये के निवेश पर कुल 30,000 रुपये का ब्याज मिलेगा। इसमें आंशिक निकासी की भी सुविधा दी गई है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजना में दोगुना निवेश
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) और पोस्ट ऑफिस मासिक योजना (पीओएमआईएस) में निवेश दोगुना हो जाएगा। एससीएसएस में 15 लाख रुपये सालाना की सीमा अब 30 लाख रुपये हो जाएगी। यानी अगर कोई इसमें अधिकतम 15 लाख रुपये पहले निवेश करता था तो उसे 8 फीसदी ब्याज दर से 5 साल में 6 लाख रुपये का ब्याज मिलता था।

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अधिकतम 30 लाख की निवेश सीमा पर 12 लाख रुपये का ब्याज मिलेगा
पोस्ट ऑफिस मासिक योजना में पहले व्यक्तिगत निवेश की सीमा 4.5 लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर अब 9 लाख रुपये कर दिया गया है। संयुक्त खाते के लिए इस निवेश सीमा को 9 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया है।

ऑनलाइन गेमिंग पर लगेगा 30 फीसदी टैक्स
ऑनलाइन गेमिंग से कितनी भी कमाई हो, अब 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा। पहले 10 हजार रुपये या इससे ज्यादा की कमाई पर ही टैक्स लगता था। इसके अलावा, आयकर रिटर्न दाखिल करते समय अब ऑनलाइन गेमिंग के जरिये मिलने वाली रकम की जानकारी भी देनी होगी।

डेट म्यूचुअल फंड: नहीं मिलेगा एलटीसीजी लाभ
एक अप्रैल से डेट म्युचुअल फंड में निवेश के नियम बदल जाएंगे। इसके तहत, अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (एलटीसीजी) की परिभाषा बदल गई है। नए नियम उन डेट म्यूचुअल फंड पर लागू होंगे, जिन्होंने शेयर बाजार में 35 फीसदी से कम निवेश कर रखा है। इसके तहत निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगेगा। इस कारण निवेशकों को पहले से ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा।

रीट-इनविट में कर्ज भुगतान पर लगेगा टैक्स
नए नियम के तहत रीट और इनविट में कर्ज भुगतान किया जाता है तो इस पर टैक्स लगेगा। इसके तहत कंपनियां यूनिट धारकों को कर्ज पुनर्भुगतान के रूप में रकम देती हैं। रीट ऐसी योजना है जो निवेशकों से पैसा जुटाकर उसे रियल एस्टेट में निवेश करती है। इसी तरह से इनविट ऐसी योजना है जिसके तहत कंपनियां पैसा जुटाकर इन्फ्रा में निवेश करती हैं।

महंगी होंगी गाड़ियां
देश में एक अप्रैल से नए उत्सर्जन मानक लागू हो जाएंगे। इससे वाहन निर्माता कंपनियां बीएस-6 के दूसरे चरण के कड़े उत्सर्जन नियम के अनुसार गाड़ियां बनाना या पुरानी गाड़ियों के इंजन अपडेट करना शुरू कर चुकी हैं। इससे कंपनियों की उत्पादन लागत बढ़ रही है। यही वजह है कि मारुति, टाटा मोटर्स, होंडा, किआ और हीरो मोटोकॉर्प समेत कई कंपनियां वाहनों के दाम बढ़ाने वाली हैं।

बंद हो सकती हैं ऑल्टो समेत कई कारें
प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए सरकार नए नियम ला रही है। एक अप्रैल से रियल टाइम ड्राइविंग एमिशन (आरडीई) और बीएस-6 का दूसरा चरण लागू हो जाएगा। नए नियमों का पालन नहीं करने वाली गाड़ियों की बिक्री नहीं होगी। इस कारण, मारुति ऑल्टो, होंडा कार्स की डब्ल्यूआरवी और ह्यूंडई आई20 डीजल समेत कई कारों की बिक्री बंद हो सकती है। 

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टोल टैक्स: सात फीसदी तक महंगा
देश में टोल टैक्स महंगा हो जाएगा। यूपी में यह 7 फीसदी तक महंगा हो जाएगा। नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर बढ़ी दरों से टोल की वसूली की जाएगी। वृद्धि एकल यात्रा से लेकर मासिक पास तक पर लागू होगी।

कबाड़ नीति: हटेंगे 15 साल पुराने वाहन
वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने, गाड़ियों की ईंधन एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार एक अप्रैल से वाहन कबाड़ नीति लागू करने जा रही है। इसके तहत देश में 15 साल पुराने वाहनों को कबाड़ में भेजने की तैयारी है। सरकार ने साफ किया है कि कौन सी गाड़ियां कबाड़ में जाने वाली हैं। कबाड़ में भेजी जाने वाली गाड़ियों को रिसाइकिल किया जाएगा। इससे धातु, रबड़, कांच आदि कई वस्तुएं प्राप्त होंगी, जिनका वाहन बनाने में दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस नीति के तहत अगर कोई अपने वाहनों को कबाड़ में भेजता है और उसकी जगह नई गाड़ी खरीदता है तो उस नई गाड़ी पर 25 फीसदी तक रोड टैक्स में छूट दी जाएगी। 

यूपी: 22 रुपये किलो बिकेंगे वाहन
यूपी में कबाड़ सेंटर में वाहन बेचने पर 22 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दाम मिलेगा। इसमें वाहन के कुल वजन का 65 फीसदी हिस्सा ही मूल वजन माना जाएगा और उस रकम का भी 90 फीसदी ही भुगतान होगा। राज्य सरकार ने दो लक्ष्य तय किए हैं। पहला,  सभी सरकारी वाहनों को स्क्रैप करना है।  दूसरा, निजी वाहन भी इस नीति के दायरे में आएंगे, जिनके लिए स्वैच्छिक नीति तय की गई है।

पेट्रोल-डीजल
एक अप्रैल से पेट्रोल-डीजल और गैस की नई कीमतें जारी होंगी। ऐसे में उम्मीद है कि इनमें बढ़ोतरी या फिर कोई बदलाव न हो। हालांकि, पिछले महीने घरेलू गैस सिलिंडर में 50 रुपये का इजाफा किया गया था।

जीवन बीमा पॉलिसियों पर अब ज्यादा कर
एक अप्रैल से जारी होने वाली पांच लाख रुपये से अधिक के सालाना प्रीमियम की परंपरागत जीवन बीमा पॉलिसी से होने वाली कमाई पर टैक्स देना होगा। हालांकि, इसमें यूलिप (यूनिट लिंक्ड प्लान इंश्योरेंस) प्लान पर असर नहीं होगा। ऐसे में इस बदलाव का असर ज्यादा प्रीमियम देने वाले पॉलिसीधारक पर होगा।

सोना :  खरीदारी पर अब छह अंक वाले हॉलमार्क
उपभोक्ता मंत्रालय एक अप्रैल से सोने के आभूषणों की बिक्री के नियम बदल रहा है। नए नियम के अनुसार, 31 मार्च, 2023 के बाद चार अंकों के हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) वाले गहनों की बिक्री नहीं होगी। एक अप्रैल 2023 से सिर्फ छह अंकों वाले हॉलमार्क जूलरी की ही बिक्री की जाएगी। इससे जूलरी की शुद्धता और गुणवत्ता की गारंटी मिलेगी। इससे तमाम जानकारी जुटाना आसान हो जाएगा।

भौतिक सोने को ई-गोल्ड में बदलने पर नहीं देना होगा कर
इलेक्ट्रॉनिक सोने की खरीदारी को बढ़ावा देने के लिए अब भौतिक सोने से ई-गोल्ड में बदलाव पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा। यानी अब निवेशक जूलरी बेचकर उसे ई-गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। ई-गोल्ड से भौतिक सोने के बदलाव में भी कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा। अब तक सोने की खरीदारी के तीन साल के बाद इस पर 20 फीसदी का टैक्स और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 4 फीसदी उपकर लगता था। बजट में सरकार के उठाए गए कदम से भौतिक सोने को ई-गोल्ड में बदलने को बढ़ावा मिलेगा।

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