फर्जी आईएएस बना शख्स राज्य सचिवालय और शहर की पुलिस के नकली स्टिकर लगाकर घूमता था.
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का अधिकारी बनकर कई लोगों के साथ ठगी करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है. कोलकाता पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. शांता कुमार को कोलकाता पुलिस के उत्तर और उत्तर उपनगरीय डिवीजन के तहत बटरेला पुलिस स्टेशन की पुलिस ने रविवार देर रात गिरफ्तार किया था. पुलिस सूत्रों ने कहा कि कुमार को पिछले साल उसके खिलाफ मिली एक शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. वह मूल रूप से बेलियाघाट का रहने वाला है, लेकिन वर्तमान में वह कोलकाता के दक्षिणी बाहरी इलाके हरिदेवपुर इलाके में रहता है, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया.
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कुमार के पास कई वाहन हैं, जिनमें वह राज्य सचिवालय और शहर की पुलिस के नकली स्टिकर लगाकर घूमता था. जानकारी के मुताबिक मंजू घोष ने पिछले साल बटरेला पुलिस स्टेशन में संता कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. घोष ने आरोप लगाया कि खुद को आईएएस अधिकारी बताने वाले कुमार ने राजारहाट मेगासिटी इलाके में विशेष कोटा के तहत दो फ्लैट देने का वादा किया था. इसके लिए उसने फर्जी आईएएस अधिकारी को 11 लाख रुपये से अधिक की अग्रिम राशि भी दी. हालांकि तब से कुमार उसके पैसे लेकर गायब हो गया.
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पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और कुमार के खिलाफ इसी तरह के मामलों का पता चला. आखिरकार रविवार की रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया. जांच के दौरान पुलिस ने उसके आवास से कुछ सरकारी कागजात के साथ-साथ कई फर्जी स्टिकर भी बरामद किए. उसे सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा जहां पुलिस उसकी हिरासत की मांग करेगी.
साल 2021 में पुलिस ने एक फर्जी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी, देबंजन देब द्वारा चलाए जा रहे एक नकली कोविड-19 टीकाकरण रैकेट का भंडाफोड़ किया, जो लाल बत्ती वाले वाहन का उपयोग कर लोगों को ठगता था. बाद में, यह पता चला कि देब, जिनके पिता राज्य के आबकारी विभाग के एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी थे, ने आईएएस अधिकारी बनकर कई लोगों को ठगा था.