IRDAI ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा यूआईडीएआई ढांचा बीमा कंपनियों को सहमति प्रबंधन के साथ अपने आधार का उपयोग करके ग्राहक की पहचान करने की अनुमति देता है। 12 सदस्यीय टास्क फोर्स का नेतृत्व IRDAI के एक सदस्य करेंगे।
नई दिल्ली, बिजनेस: भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने 12 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या, आधार का उपयोग करके बीमाकर्ताओं द्वारा अपने ग्राहक को नो योर कस्टमर (KYC) की सुविधा को आसान बनाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है।
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IRDAI ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि वर्तमान में, यूआईडीएआई ढांचा बीमा कंपनियों को सहमति प्रबंधन के साथ अपने आधार का उपयोग करके ग्राहक की पहचान करने की अनुमति देता है। 12 सदस्यीय टास्क फोर्स का नेतृत्व IRDAI के एक सदस्य करेंगे।
सर्कुलर में मुताबिक “बीमा क्षेत्र में विशिष्ट ग्राहक पहचान के अभाव में, बीमा कंपनियों को ग्राहकों को ऑनबोर्ड करने में आसानी, संभावित धोखाधड़ी को रोकने आदि के अलावा सेवाएं और दावे प्रदान करते समय विभिन्न मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है”
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टास्क फोर्स को मिली ये सुझाव
पैनल को आधार का उपयोग करने वाले ग्राहकों की ऑनबोर्डिंग को आसान बनाने के उपायों और अंडरराइटिंग और दावों के चरणों में धोखाधड़ी प्रबंधन के कदमों का सुझाव देने के लिए कहा गया है। इसके अलावा पॉलिसीधारकों की लावारिस राशि को कम करने के लिए ग्राहकों/लाभार्थियों की पता लगाने की क्षमता में सुधार के उपाय भी सुझाने को कहा गया है।
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1 महीने के भीतर देना होगा रिपोर्ट
12-सूत्रीय शर्तें ABHA आईडी (आयुष्मान भारत) को जोड़ने और बीमाकर्ताओं को वार्षिकी जीवन प्रमाण पत्र (जीवन प्रमाण) तक पहुंचने की सुविधा के लिए पैनल के सुझाव भी मांगती हैं। टास्क फोर्स को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।