सेना के कब्जे वाली 4 एकड़ 55 डिसमिल जमीन के कथित उत्तराधिकारी जयंत कर्नाड के अधिवक्ता हिमांशु मेहता को पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया था. 28 जून, बुधवार को हिमांशु मेहता ईडी कार्यालय पहुंच गए, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है.
Ranchi News: सेना के कब्जे वाली 4 एकड़ 55 डिसमिल जमीन के कथित उत्तराधिकारी जयंत कर्नाड के अधिवक्ता हिमांशु मेहता को पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया था. 28 जून, बुधवार को हिमांशु मेहता ईडी कार्यालय पहुंच गए, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है. हिमांशु पर जयंत कर्नाड के पक्ष में सेना के कब्जे वाली जमीन से संबंधित कागजात उपलब्ध कराने का आरोप है.
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दरअसल, यह जमीन आजादी के बाद से सेना के कब्जे में है. सेना उक्त जमीन के कथित रैयत बीएम लक्ष्मणराव को ₹417 प्रतिमाह किराया देती थी, जो बाद में उनके बेटे बीएम मुकुंदराव को मिली. बीएम लक्ष्मणराव का 1946 में और बीएम मुकुंदराव का 1998 में देहांत हो गया. इसके बाद सेना किसको किराया देगी, इससे संबंधित उत्तराधिकारी सामने नहीं आया. 2006 में सेना ने एक नोटिस जारी कर उक्त जमीन के दावेदार की तलाश शुरू की. सेना ने नोटिस छपवाया कि कोई अधिकृत उत्तराधिकारी कागजात के साथ आए और जमीन का किराया ले.
इसी बीच आरोप है कि रांची के अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता ने जयंत कर्नाड से संपर्क किया. तब तक जयंत कर्नाड के पास उक्त जमीन या उत्तराधिकारी संबंधित कागजात नहीं थे. 2007 में किराया का दावा करते हुए हिमांशु कुमार मेहता ने जयंत कर्नाड के लिए कागजात तैयार करवाए और 2007 में हाईकोर्ट में जयंत कर्नाड को उक्त जमीन का उत्तराधिकारी घोषित करवाते हुए किराए का दावा पेश किया. यहां तक कि सेना से उक्त जमीन खाली कराने संबंधित आदेश भी कोर्ट से ले लिया.
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बताया जाता है कि जयंत कर्नाड के पक्ष में सभी कागजात अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता ने ही तैयार किए थे. कोर्ट के आदेश पर सेना ने जयंत कर्नाड को 1998 से 2008 तक किराए के रूप में ₹50,874 का भुगतान किया, जबकि ईडी की जांच में जयंत कर्नाड के पास उत्तराधिकारी होने से संबंधित कोई कागजात नहीं मिले. इधर, ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि जयंत कर्नाड के पक्ष में सेना के कब्जे वाली 4 एकड़ 55 डिसमिल जमीन के कागजात तैयार किए गए थे. इसके बाद अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता के निर्देश पर जयंत कर्नाड ने 2019 में उक्त जमीन के 16 डीड से 14 खरीदारों को केवल दो करोड़ 55 लाख में जमीन बेच दी. इस राशि से एक करोड़ 29 लाख रुपए उन्होंने विभिन्न खातों में हस्तांतरित करवाया.
आरोप है कि हिमांशु कुमार मेहता के खाते में एक करोड़ बीस लाख गए थे. वहीं मंजूश्री पात्रा के खाते में ढाई लाख, श्रेष्ठ मेहता के खाते में ढाई लाख, मेहता पी देव के खाते में चार लाख रुपये का भुगतान हुआ था. ये सभी हिमांशु मेहता के परिवार से जुड़े लोग हैं. इन्हीं सब बिंदुओं पर ईडी हिमांशु मेहता से सवाल-जवाब करेगी.