नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों का घर का सपना पूरा करने के लिए मंगलवार को एक अहम घोषणा की। 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार होम लोन पर ब्याज में राहत देने के लिए एक योजना लेकर आ रही है। जल्दी ही इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम की घोषणा की जा सकती है। इससे शहरों में झुग्गी-झोपड़ी और किराए पर रहने वाले लोगों का अपने घर का सपना पूरा हो सकेगा। इससे उन लोगों को फायदा होगा जो पीएम आवास योजना (PMAY) का लाभ नहीं उठा सके हैं। हाल में होम लोन काफी बढ़ गया है। इसकी वजह यह है कि आरबीआई ने पिछले साल मई से रेपो रेट में 2.5 परसेंट की बढ़ोतरी की है।
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मोदी ने कहा, ‘शहर के अंदर जो कमजोर लोग रहते हैं। मध्यम वर्ग के परिवार जो अपने घर का सपना देख रहे हैं, हम आने वाले कुछ सालों में उनके लिए योजना लेकर आ रहे हैं। जो शहरों में रहते हैं, किराए के मकान, झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं, चॉल में रहते हैं, ऐसे लोगों को जो लोन मिलेगा, उसके ब्याज में लाखों की राहत देने का फैसला किया है।’ देश में अब भी एक बड़ी आबादी झुग्गियों में रहती है। आरबीआई ने पिछले साल मई से रेपो रेट में 2.5 परसेंट की बढ़ोतरी की है। इससे होम लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो गए हैं। हालांकि तीन बार से आरबीआई ने रेपो रेट को यथावत रखा है।
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क्या हो सकती है यह स्कीम
शहरी इलाकों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केंद्र झुग्गी के रिडेवलपमेंट के एक लाख रुपये और पार्टनरशिप में सस्ता मकान बनाने के लिए 1.5 लाख रुपये मिलते हैं। साथ ही इसमें लाभार्थी के नेतृत्व वाली निर्माण योजना यानी बीएलसी (Beneficiary led individual construction or enhancement) वर्टिकल्स भी है। इसके साथ ही क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) वर्टिकल भी थी। इसमें लोगों को घर खरीदने पर 2.7 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती थी। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को इसका फायदा मिलता था लेकिन यह स्कीम मार्च 2022 में खत्म हो गई।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि नई स्कीम सीएलएसएस कैटगरी में शुरू की जा सकती है। इसमें देश में बेहतर क्वालिटी के मकानों के साथ-साथ सस्ते मकानों को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी तेजी आएगी। इस सेक्टर में तेजी आने से देश में रोजगार बढ़ेगा। साथ ही सीमेंट और स्टील की खपत भी बढ़ेगी। देश में अब भी एक बड़ी आबादी झुग्गियों में रहती है। 2011 की जनगणना के मुताबिक शहरों में 17 फीसदी आबादी झुग्गियों में रहती है। साथ ही किराए पर रहने वाले लोगों का भी घर लेने का सपना इस स्कीम से पूरा हो सकेगा।