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ITR रिफंड नहीं मिला तो चिंता न करें: ये 5 स्टेप्स फॉलो करें, आपके अकाउंट में आ जाएंगे पैसे

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR)एक फॉर्म है जिसका इस्तेमाल आयकर विभाग को आपकी इनकम और टैक्स के बारे में जानकारी देने के लिए किया जाता है. किसी करदाता की टैक्स देनदारी की गणना उसकी इनकम के आधार पर की जाती है.

Income Tax Return (ITR): अगर आपने इस साल 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल किया है और आपको अभी तक अपना रिफंड नहीं मिला है तो ये खबर आपके लिए है. आपको रिफंड के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. बस ध्यान रहे, अगर आपने फाइल करने में कोई गलती की है तो विभाग द्वारा आईटीआर रिफंड प्रोसेस नहीं किया जाता है. जरूरी है कि आप भी इन सामान्य गलतियों और कारणों से अवगत हों.ऐसे एक या अधिक कारण हो सकते हैं कि आपको अपना रिफंड क्यों नहीं मिल रहा है.

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आइए जानते हैं रिफंड न मिलने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं-

1. ई-वेरिफिकेश जरूरी: आपका आयकर रिटर्न ई-वेरिफाइड होना चाहिए. अगर आपने अभी तक ई-वेरिफिकेशन नहीं किया है, तो आप रिफंड के पात्र नहीं होंगे.

2. बकाया राशि: अगर आपके पास पिछले वित्तीय वर्ष से कोई बकाया है, तो आपके रिफंड में देरी हो सकती है क्योंकि आयकर विभाग इसे आपके बकाया के खिलाफ समायोजित करेगा.

3.आईटीआर प्रक्रिया: आपका आयकर रिटर्न प्रोसेस होना चाहिए. इसके बिना आपको रिफंड नहीं मिलेगा. आपको आयकर विभाग की वेबसाइट पर अपने आईटीआर की स्थिति की जांच करनी चाहिए.

4. बैंक खाता: आपका बैंक खाता पूर्व-सत्यापित होना चाहिए, और आपके पास एक ही बैंक खाता और पैन कार्ड होना चाहिए. बैंक खाते का IFSC कोड भी मान्य होना चाहिए. इस तरह आपको अपना आईटीआर रिफंड पाने में मदद मिल सकती है और आप इनकम टैक्स रिफंड प्रक्रिया को आसानी से समझ सकते हैं.

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इनकम टैक्स रिर्टन क्या है?

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR)एक फॉर्म है जिसका इस्तेमाल आयकर विभाग को आपकी इनकम और टैक्स के बारे में जानकारी देने के लिए किया जाता है. किसी करदाता की टैक्स देनदारी की गणना उसकी इनकम के आधार पर की जाती है. अगर रिटर्न से पता चलता है कि एक वर्ष के दौरान अतिरिक्त कर का भुगतान किया गया है, तो व्यक्ति आयकर विभाग से आयकर रिफंड प्राप्त करने का पात्र होगा.

आयकर कानूनों के अनुसार, रिटर्न हर साल उस व्यक्ति या व्यवसाय की ओर से फाइल की जानी चाहिए जो वित्तीय वर्ष के दौरान कोई आय अर्जित करता है. इनकम सैलरी, व्यावसायिक लाभ, गृह संपत्ति से इनकम या लाभांश, पूंजीगत लाभ, ब्याज या अन्य स्रोतों के माध्यम से अर्जित हो सकती है.

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किसी व्यक्ति या व्यवसाय को एक तय तारीख से पहले टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है. अगर कोई करदाता समय सीमा का पालन करने में विफल रहता है, तो उसे जुर्माना देना होगा.

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