All for Joomla All for Webmasters
समाचार

सदन में ‘वोट के बदले नोट’ केस, सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार को तैयार, जानें क्यों बढ़ सकती हैं सांसदों-विधायकों की मुश्किलें

supreme-Court

Supreme Court: सदन में वोट के लिए रिश्वत में शामिल सांसदों/विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से छूट पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह राजनीति की नैतिकता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. कोर्ट यह तय करेगा कि अगर सांसद या विधायक सदन में मतदान के लिए रिश्वत लेते हैं तो क्या तब भी उन पर मुकदमा नहीं चलेगा?

ये भी पढ़ें– नारी शक्ति वंदन अधिनियम: लोकसभा और विधानसभाओं में 33% सीटें, SC/ST में कोटा, 2024 चुनावों से पहले लागू होना संभव नहीं

नई दिल्ली. सदन में ‘वोट के बदले नोट’ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्णय लिया है. सदन में वोट के लिए रिश्वत में शामिल सांसदों/विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से छूट पर सुप्रीम कोर्ट फिर से विचार करेगा. पांच जजों की संविधान पीठ ने 1998 के पी.वी. नरसिम्हा राव मामले में अपने फैसले पर फिर से विचार करने का फैसला किया है. मामले को सात जजों की संविधान पीठ को भेज दिया गया है.

ये भी पढ़ें– फेक पुलिस से कैसे बचें? जानें- फर्जी पुलिस वाला बनकर कैसे कर रहे हैं ठगी

सदन में वोट के लिए रिश्वत में शामिल सांसदों/विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से छूट पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह राजनीति की नैतिकता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. कोर्ट यह तय करेगा कि अगर सांसद या विधायक सदन में मतदान के लिए रिश्वत लेते हैं तो क्या तब भी उन पर मुकदमा नहीं चलेगा?

ये भी पढ़ें– India-Canada Tension: भारत और कनाडा के बीच चरम पर तनाव, 10 प्वाइंट में जानें अब तक क्या-क्या हुआ?

पीवी नरसिम्हा राव के इस फैसले से मिली थी छूट
दरअसल, 1998 का पी. वी. नरसिम्हा राव फैसला सांसदों को मुकदमे से छूट देता है. सुप्रीम कोर्ट ने अब इसी फैसले पर दोबारा विचार करने का निर्णय किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे राजनीति की नैतिकता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला एक महत्वपूर्ण मुद्दा माना है. अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार से वोट के बदले नोट जैसे मामलों के आरोपी सांसदों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top