नई दिल्ली: इस दुनिया ने बड़े बड़े बदलावों को देखा है. यहां जब बड़े बड़े तानाशाहों की नहीं चली तो एक प्रिंसपल का फरमान भला कितनी देर टिकता. बात स्पेन के एक आंदोलन की जो फिर से जोर पकड़ रहा है. दरअसल अगर कपड़ों को महिला-पुरुष की नजर से देखते हैं तो यह आंदोलन आपको समझाएगा कि ‘कपड़ों का कोई जेंडर नहीं होता’ (Clothes Have No Gender) है. इस मूवमेंट की शुरुआत स्पेन (Spain) से हुई थी लेकिन अब ये आंदोलन स्कॉटलैंड और ब्रिटेन (UK) में जोर पकड़ रहा है.
स्कॉटिश स्कूल का फैसला
इस आंदोलन की शुरुआत 2020 में हुई थी लेकिन फिलहाल स्कॉटलैंड के एक स्कूल ने अपने बच्चों के लिए नया आदेश जारी किया है. इसमें लड़कों को भी स्कूल में स्कर्ट पहनकर आने के लिए कहा गया है. इसके तहत भी लैंगिक असमानता दूर करने का संदेश दिया गया है. एडिनबर्ग के कैसलव्यू प्राइमरी स्कूल ने ये आदेश जारी किया है. इस स्कूल के बच्चे ‘वियर ए स्कर्ट टू स्कूल’ अभियान में भी हिस्सा ले चुके हैं. जो #ClothesHaveNoGender मूवमेंट का हिस्सा रहा है. इस आंदोलन को सोशल मीडिया पर भी भरपूर समर्थन मिल रहा है.
कैसे हुई थी शुरुआत?
स्पेन में कुछ समय पहले एक छात्र को स्कर्ट पहनकर आने की वजह से निकाल दिया गया था. उसे इंसाफ दिलाने के लिए पुरुष शिक्षक और छात्र कक्षा में स्कर्ट पहनकर आ रहे थे. इसके बाद से ये आंदोलन दुनिया के कुछ और देशों में जोर पकड़ता गया. यह फैसला लैंगिग समानता के नाम पर हुआ. वहीं स्कॉटलैंड के इस स्कूल के आदेश के बाद एक बार फिर से यह आंदोलन सुर्खियां बटोर रहा है.