पाकिस्तान (Pakistan) में गरीबी बढ़कर 39.4 प्रतिशत हो गई है. खराब आर्थिक हालात के कारण 1.25 करोड़ से अधिक लोग इसकी चपेट में आए हैं. विश्व बैंक (World Bank) ने कहा है कि पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल अब गरीबी कम नहीं कर रहा है और समकक्ष देशों के मुकाबले यहां जीवन स्तर घट रहा है.
ये भी पढ़ें– न्यूजीलैंड की राह पर ब्रिटेन! सिगरेट पर लगाएगा बैन! ऋषि सुनक कानून बनाने पर कर रहे विचार
इस्लामाबाद. विश्व बैंक (World Bank) ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष में पाकिस्तान (Pakistan) में गरीबी बढ़कर 39.4 प्रतिशत हो गई है. खराब आर्थिक हालात के कारण 1.25 करोड़ से अधिक लोग इसकी चपेट में आए हैं और वित्तीय स्थिरता हासिल करने के लिए देश को तत्काल कदम उठाने होंगे. एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की एक खबर के अनुसार वाशिंगटन स्थित ऋणदाता ने शुक्रवार को एक मसौदा नीति का अनावरण किया.
ये भी पढ़ें– भारतीय दबाव का जस्टिन ट्रूडो पर दिख रहा असर, हिंदुओं के बारे में कही ये बड़ी बात
इसे पाकिस्तान की अगली सरकार के लिए सभी हितधारकों की मदद से तैयार किया है. विश्व बैंक के अनुसार पाकिस्तान में गरीबी एक साल के भीतर 34.2 प्रतिशत से बढ़कर 39.4 प्रतिशत हो गई है. इसके साथ ही 1.25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं. पाकिस्तान में 3.65 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन के आय स्तर को गरीबी रेखा माना जाता है. मसौदा नीति में कहा गया कि लगभग 9.5 करोड़ पाकिस्तानी अब गरीबी में रहते हैं.
ये भी पढ़ें– भारत-कनाडा में बढ़ी खटास! PM ट्रूडो ने लगाए गंभीर आरोप, कहा- ‘खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में भारत पर शक’
वर्ल्ड बैंक ने दी नसीहत, कहा- बेकार के खर्च में कटौती करें
पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री टोबियास हक ने कहा कि पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल अब गरीबी कम नहीं कर रहा है और समकक्ष देशों के मुकाबले यहां जीवन स्तर घट रहा है. विश्व बैंक ने कृषि और रियल एस्टेट पर कर लगाने तथा बेकार के खर्च में कटौती करने का आग्रह किया है.