सरकार का फोकस वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों पर बढ़ता जा रहा है, जिसकी कई वजहें हैं. इसमें आधुनिकीकरण, बेहतर कनेक्टिविटी और फॉरेन फंड्स को आकर्षित करना शामिल है.
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Vande Bharat Express Focus: हाल के वर्षों में, भारत सरकार (Government Of India) ने वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) पर अपना फोकस काफी बढ़ा दिया है, जो देश के ट्रांसपोर्टेशन लैंडस्केप में बड़ा बदलाव है. वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) को भारत की सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन माना जाता है. इसने यात्रा करने के तरीके को बदलने की अपनी कैपेसिटी की वजह से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है.
आइए, यहां पर समझते हैं कि इस प्रोजेक्ट में सरकार की इतनी दिलचस्पी क्यों हैं?
रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का मॉडर्नाइजेशन
वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) पर सरकार के जोर देने का पहला कारण भारत के पुराने रेल बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को मॉडर्न बनाने की तत्काल जरूरत है. अक्सर देरी और घटिया सुविधाओं से त्रस्त पारंपरिक ट्रेनें अब भारत की बढ़ती आबादी की बढ़ती मांगों को पूरा नहीं कर पा रही हैं. वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) टेक्नोलॉजी और पैसेंजर एक्सपीरियंस को काफी बेहतर बनाती है. इस ट्रेन से यात्रा करने पर यात्रा का समय बचता है. साथ ही मॉडर्न सुविधाएं भी मिलती हैं.
टिकाऊ ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देना
भारत को अपने कार्बन एमशिन पर अंकुश लगाने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने में काफी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. बिजली से चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) टिकाऊ ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देने की सरकार के कमिटमेंट के अनुरूप है. रेल यात्रा का इलेक्ट्रिफिकेशन करके, भारत अपने कार्बन एमशिन को कम कर सकता है और वायु प्रदूषण को कम कर सकता है, एक स्वच्छ और हरित वातावरण में योगदान दे सकता है.
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कनेक्टिविटी बढ़ाना
वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) पूरे भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह प्रमुख शहरों और एरिया को जोड़ताी है, जिससे यात्रियों के लिए तेज और अधिक सुविधाजनक यात्रा की सुविधा मिलती है. बेहतर कनेक्टिविटी न केवल पर्यटन को बढ़ावा देती है, बल्कि वस्तुओं और लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाकर आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देती है.
विदेशी निवेश आकर्षित करना
भारत के रेलवे बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण, जिसका उदाहरण वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) जैसे प्रोजेक्ट्स हैं, विदेशी निवेश को आकर्षित करता है. इस हाई-स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट पर सरकार का जोर देश में अनुकूल निवेश माहौल बनाने की कंप्रिहेंसिव स्ट्रैटेजी का हिस्सा है. फॉरेन इन्वेस्टर्स द्वारा कुशल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम और एडवांस टेक्नोलॉजी के प्रति कमिटमेंट वाले देश में इन्वेस्टमेंट की अधिक संभावना होती है.
ट्रैफिक कंजेशन को कम करना
जैसे-जैसे देश की जनसंख्या बढ़ती जा रही है, प्रमुख शहरों को बढ़ते ट्रैफिक कंजेशन का सामना करना पड़ रहा है. वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ट्रांसपोर्टेशन का एक वैकल्पिक तरीका प्रदान करती है जो सड़कों और राजमार्गों पर बोझ को कम कर सकती है. इंटर-सिटी ट्रैवेल के बड़े हिस्से को रेलवे की ओर मोड़कर, सरकार को यातायात समस्याओं को कम करने और ओवरऑल ट्रांसपोर्टेशन कैपेसिटी में सुधार की उम्मीद है.
टेक्निकल कौशल का प्रदर्शन
वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) सिर्फ ट्रांसपोर्टेशन का साधन नहीं है; यह भारत की टेक्निकल कैपेसिटीज का सिंबल है. ट्रेन को घरेलू स्तर पर डिजाइन और निर्मित किया गया है, जो इंजीनियरिंग और इन्नोवेशन में भारत की तातक को प्रदर्शित करता है. यह राष्ट्र के लिए गौरव का विषय है और टेक्निकल प्रगति के मामले में ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर कंपटीशन करने की इसकी क्षमता को प्रदर्शित करता है.
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गौरतलब है कि वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) पर भारत सरकार (Government Of India) का बढ़ते फोकस की कई वजहें हैं. इसमें मॉडर्नाइजेशन की तत्काल जरूरत, स्टैबिलिटी टार्गेट, बेहतर कनेक्टिविटी, विदेशी निवेश आकर्षण, यातायात भीड़ को कम करना और टेक्निकल कौशल दिखाने की इच्छा शामिल है. इससे देश के नागरिकों और समूचे देश दोनों को लाभ हो रहा है.