Justin Trudeau’s Fresh Provocation: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर भारत को उकसाने की कोशिश की है. ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद के साथ भारत के मुद्दे पर और कानून के शासन को बनाए रखने और सम्मान करने के महत्व पर चर्चा की है. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की यह टिप्पणी उनके आरोप के बाद भारत से बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच आई है.
नई दिल्ली. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने भारत को उकसाने की कोशिश की है. ट्रूडो ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद के साथ भारत के मुद्दे पर और कानून के शासन को बनाए रखने और सम्मान करने के महत्व पर चर्चा की है. ट्रूडो ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि ‘आज फोन पर महामहिम मोहम्मद बिन जायद और मैंने इजरायल की वर्तमान स्थिति के बारे में बात की. हमने अपनी गहरी चिंता जाहिर की और नागरिकों के जीवन की रक्षा की जरूरत पर चर्चा की. हमने भारत और समर्थन के महत्व और कानून के शासन का सम्मान करने के बारे में भी बात की.’
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कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की यह टिप्पणी उनके आरोप के बाद भारत से बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच आई है. ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंट एक कनाडाई नागरिक और भारत में घोषित आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या में शामिल हैं. हरदीप सिंह निज्जर प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख और भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक था. भारत ने कनाडा के इन आरोपों का पुरजोर खंडन किया है. पिछले महीने भारत में जी-20 बैठक के बाद लगाए गए ट्रूडो के आरोपों पर अमेरिका की ओर से सतर्क प्रतिक्रिया आई थी. जो अपने करीबी सहयोगी देश कनाडा और एक तेजी से महत्वपूर्ण भागीदार बनते भारत के बीच विवाद को लेकर फंस गया था.
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उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं और उन्होंने भारत से कनाडा की जांच में सहयोग करने की अपील की है. इस बढ़ते विवाद के कारण भारत सरकार ने कनाडा से अपनी राजनयिकों की संख्या को कम करने के लिए कहा है. दोनों देशों ने एक दूसरे के लिए वीजा सेवाएं भी अस्थायी रूप से रोक दी हैं. भारत सरकार ने जैसे को तैसा की कार्रवाई करते हुए एक कनाडाई राजनयिक को भी निकाल दिया और कनाडा में सुरक्षा जोखिमों के बारे में एक यात्रा सलाह जारी की. कनाडा के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडाई अधिकारियों ने कोई सबूत नहीं दिया है.