नई दिल्ली, मनमोहन शर्मा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को शुक्रवार को निरस्त किए जाने का ऐलान किया। भारत सरकार ने ये तीनों कृषि कानून किसानों के हितों को ध्यान में रख कर तैयार किए थे। अगर ये कानून लागू होते तो किसानों को लम्बे समय में काफी फायदा मिलता। इन कानूनों के आने से बिचौलियों पर लगाम लगती।
आज किसानों को उनकी उपज की कीमत का 35 फीसदी ही मिल पाता है। इस कानून के आने से किसानों को उनकी उपज की ज्यादा कीमत मिलती। लेकिन पिछले कुछ समय से कुछ किसानों को इन कानूनों से खतरा महसूस हो रहा था और वो इनका लगातार विरोध कर रहे थे। ऐसे में सरकार ने इन कानूनों को वापस लेने का बड़ा फैसला लिया। उम्मीद है आने वाले समय में सरकार किसानों को भरोसे में लेकर जल्द ही नया कृषि कानून लाएगी।
प्रधानमंत्री ने एक कमेटी बनाने का भी ऐलान किया है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ किसान, कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री भी रहेंगे। उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी।
पीएम की बनाई कमेटी क्या रखेगी ध्यान
जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना
देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलना
एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना