नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार इस वित्त वर्ष में कुछ और सार्वजनिक कंपनियों में से अपनी हिस्सेदारी को बेचने के बारे में विचार कर रही है। आने वाले कुछ दिनों में केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की छह कंपनियों में से अपनी हिस्सेदारी को छोड़ने का प्लान बना रही है। इन छह कंपनियों में BPCL, BEML, शिपिंग कॉर्प, पवन हंस, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक, और नीलांचल इस्पात कंपनियों के नाम शामिल हैं। जिनमें से BPCL के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है, साथ ही आने वाले कुछ दिनों में BEML, शिपिंग कॉर्प, पवन हंस, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक, और नीलांचल इस्पात की बिडिंग प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।
कुछ और कंपनियों की हिस्सेदारी भी बेचेगी सरकार
इन कंपनियों के साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC का IPO भी लॉन्च हो सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल के बजट भाषण के दौरान LIC में सरकार की भागीदारी को बेचने का ऐलान किया था। LIC का यह IPO अभी तक का सबसे बड़ा IPO साबित हो सकता है। वित्त मंत्रालय के निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने बयान देते हुए यह कहा था कि, चालू वित्त वर्ष (2021-22) में सरकार अपने विनिवेश लक्ष्य को हासिल कर सकती है।
अगले पांच महीनों में पांच से छह कंपनियों के विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो सकती है। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) के बीच भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का IPO बाजार में लाया जाएगा। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। विनिवेश लक्ष्य के पूरा होने से सरकार को अपना राजकोषीय घाटा नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। हाल ही में सरकार नें एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी को टाटा ग्रुप को बेचने का फैसला किया था।