नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की समस्या को देखते हुए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक हजार निजी सीएनजी बसों को किराये पर लेने की योजना बनाई है। इसके तहत सरकार के पास अब तक 770 बसें पंजीकृत हो गई हैं। 629 बसों को स्टेज कैरिज के रूप में चलाने के लिए परिवहन विभाग ने विशेष परमिट भी जारी कर दिया है।
इसमें से 366 पर्यावरण बसें सोमवार को दिल्ली की सड़कों पर उतारी गईं। बाकी बसें मंगलवार से चलेंगी। इन बसों का किराया डीटीसी की बसों के जितना ही होगा। ये बसें डीटीसी के निधारित रूटों पर चलेंगी।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने जनता से अपील की है कि प्रदूषण की समस्या को देखते हुए वे अपने निजी वाहनों को छोड़कर सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करें। सरकार बसों की संख्या बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के अंदर 31 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली के स्नोत से है और 69 प्रतिशत प्रदूषण बाहर के स्नोत से है। दिल्ली के अंदर जो 31 प्रतिशत अपने स्नोत से प्रदूषण है, उसमें इन दिनों लगभग 50 प्रतिशत वाहनों का प्रदूषण है। लोग निजी वाहनों का प्रयोग कम करें तो इस प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
इस हफ्ते से मिलना शुरू होंगी इलेक्ट्रिक बसें
वहीं, दिल्ली को इस सप्ताह वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसें मिलनी शुरू होंगी। ये बसें दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बेड़े में शामिल हो रही हैं। अभी तीन बसें अभी आ रही हैं। कुल 300 लो-फ्लोर इलेक्टिक बसें आनी हैं।इस साल मार्च में दिल्ली कैबिनेट ने डीटीसी की इन बसों की खरीद को मंजूरी दी थी।
जो तीन बसें आ रही हैं इन्हें निरीक्षण के बाद ट्रायल रन के लिए तैनात किया जाएगा। बसें और ड्राइवर निजी संस्थाओं द्वारा प्रदान किए जाएंगे और डीटीसी इन्हें अपने मार्गों पर संचालित करेगी और अपने कंडक्टरों को तैनात करेगा। बाकी 297 इलेक्टिक बसें अलग-अलग बैच में आएंगी और उनकी अलग योजना होगी। इलेक्ट्रिक बसें रोहिणी, सुभाष प्लेस, मायापुरी, राजघाट और मुंडेला कलां डिपो में खड़ी होंगी। रोहिणी में दो बस डिपो और मुंडेला कलां में एक बस डिपो तैयार है और बसों को चार्ज करने के लिए ट्रांसफार्मर के माध्यम से बिजली कनेक्टिविटी दी की गई है।
कार्यक्रम के अनुसार, अक्टूबर में कुल 118 बसें, नवंबर तक 100 और दिसंबर 2021 तक 60 बसें आनी थीं। शेष 20 बसें जनवरी 2022 तक आने वाली थीं। हालांकि कोविड -19 मामलों की दूसरी लहर ने काम प्रभावित किया है, इलेक्टिक बसों की डिलीवरी और नामित बस डिपो पर चार्जिंग स्टेशन जैसे सहायक बुनियादी ढांचे के निर्माण में देरी हुई है।