नई दिल्ली/ गुरुग्राम [यशलोक सिंह]। नई पीढ़ी को आटोमोबाइल के समृद्ध इतिहास से विंटेज वाहनों के संग्राहक रूबरू कराने का काम पूरी तन्मयता से कर रहे हैं। इनका कहना है कि पहली बार जब मानव द्वारा पहिये का आविष्कार किया था वही समय आटोमोबाइल युग का सूत्रपात माना जाता है। वहीं से निरंतर यात्रा करता हुआ आटोमोबाइल क्षेत्र आज अपने अत्याधुनिक रूप में सभी के समक्ष उपस्थित हुआ है। इसी बदलाव के बारे में जानकारी विंटेज वाहनों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। इन वाहनों का संग्रह एक खास तरह का शौक है जो अत्यधिक खर्चीला है।
देश में विंटेज कारों की बात की जाए तो इनकी संख्या 10 हजार से अधिक है। दिल्ली-एनसीआर विंटेज वाहनों का एक बड़ा हब है जो निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। इस क्षेत्र में 3000 हजार से अधिक विंटेज कारें हैं। विंटेज दोपहिया वाहनों की बात की जाए तो इनकी संख्या 5000 से भी अधिक है। इनमें से लगभग 2000 कारें दिल्ली के लगभग 10 संग्रहकर्ताओं के पास हैं। दिल्ली में विंटेज कारों के सबसे बड़े संग्रहकर्ता दलजीत टाइटस हैं। बताया जा रहा है कि अकेले इनके पास 100 के लगभग विंटेज कारें हैं। गुरुग्राम में विंटेज वाहनों के संग्राहक की बात की जाए तो इसमें सबसे बड़े मदनमोहन हैं। इनके पास 43 विंटेज जीप, 200 से अधिक ट्रक-बस, 370 कारें और 109 बाइक हैं।
गुरुग्राम के सेक्टर-28 स्थित म्यूजियो कैमरा परिसर में नीलामी के लिए घोषित विंटेज कारों को शुक्रवार तक प्रदर्शित किया जाएगा। इसके बाद इन्हें दिल्ली के महरौली स्थित गैराज में रखा जाएगा। नौ दिसंबर को इनके नीलामी की आनलाइन प्रक्रिया शुरू होगी। बृहस्पतिवार को इन कारों के मुरीद बढ़ी संख्या में म्यूजिको कैमरा परिसर में दीदार को पहुंचे। हिस्टारिक आक्शंस प्राइवेट लिमिटेड के पदाधिकारियों का कहना है कि नीलामी में कुल 19 कारों को रखा गया है। इनमें से 1958 की एमजी ए-1500 स्पोर्ट्स कार, 1958 टोयोटा एफजे-40 लैड क्रूजर, फिएट-500-सी टोपोलिनो इटालियन कार, 1982 की मर्सिडीज बेंज-200, 1934 कैडिलैक-355-डी-7, 1958 मर्सिडीज बेंज 180 पोंटन बार्न फाइड और 1947 की क्रिसलर विंडसर कार प्रमुख हैं। मुजफ्फर अली की पेंटिंग जीत रही है
दिलम्यूजिको कैमरा परिसर में सिर्फ शाही कारें ही नहीं मुजफ्फर अली की आटोमोटिव पेंटिंग्स भी कला प्रेमियों का दिल जीत रही हैं। इनकी भी आनलाइन नीलामी की जाएगी। इन पेंटिंग्स की कीमत एक लाख 20 हजार से लेकर नौ लाख रुपये तक की निर्धारित की गई है। जब शौक बड़ा हो तो खर्चे की परवाह कौन करता है। यह बात विंटेज कारों का कलेक्शन करने वालों पर बिल्कुल सही बैठती है। यह काफी खर्चीला शौक है। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाली जनवरी में दिल्ली से विंटेज कारों की शानदार रैली निकाली जाएगी।