प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक यानी HDFC Bank के शेयर में मंगलवार को 3% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. HDFC Bank के शेयर में यह गिरावट MSCI ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में वेटेज बढ़ाने के फैसले के बाद देखने को मिली है. दरअसल, इस इंडेक्स में बैंक का वेटेज दो चरण में बढ़ाया जाना है. साथ ही, वेटेज में यह बढ़ोतरी अनुमान के मुाकबल कम ही होने वाली है.
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, पहली बार 2 सितंबर को वेटेज में बढ़ोतरी होगी. यह बढ़ोतरी फॉरेन इनक्लुजन फैक्टर (FIF) को 0.37 के मुकाबले 0.56 के आधार पर होगी. इसका बाद दूसर एडजस्टमेंट 0.75 के मुकाबले 1 के आधार पर नवंबर में होगी.
क्या होता है FIF?
MSCI इंडेक्स में FIF का मतलब किसी भी भी इक्विटी में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए उपलब्ध शेयरों का अनुपात होता है. HDFC Bank में 0.56 FIF का मतलब है कि इंडेक्स में बैंक के 56% शेयर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए उपलब्ध हैं.
MSCI ने भले ही HDFC Bank का वेटेज बढ़ाने का फैसला किया हो, जिस वजह से फंड में 1.8 अरब डॉलर का इनफ्लो की संभावना है. लेकिन, यह कम एडजस्टमेंट फैक्टर के आधार पर हुआ है. इसका मतलब है कि MSCI ने इंडेक्स इस बैंक को शामिल करने के लिए कम वेटेज के आधार पर कैलकुलेशन किया है.
जून महीने की शेयरहोल्डिंग आंकड़ों से पता चलता है कि HDFC Bank में विदेशी मालिकाना 54.83% पर है. इस वजह से अगस्त 2024 में होने वाले दूसरे MSCI वेटेज रीबैलेंसिंग के लिए यह बैंक योग्य हुआ. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में मार्केट पार्टिसिपेंट्स के हवाले से कहा जा रहा है कि MSCI इंडेक्स में वेटेज बढ़ने से स्टॉक में 5 अरब डॉलर का इनक्लुजन देखने को मिल सकता है.
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Nuvama के एनालिस्ट ने पहले अनुमान लगाया था कि MSCI रिव्यू की वजह से HDFC Bank में 3.2 अरब डॉलर से 4 अरब डॉलर तक का इनफ्लो देखने को मिल सकता है. लेकिन पहले बदलाव के बाद अब उनका अनुमान घटकर 1.8 अरब डॉलर हो गया है. दूसरे बदलाव की डिटेल्स इस साल के आखिर तक सामने आ सकती हैं.