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SEBI ने खारिज किया ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने का प्रस्ताव, ब्रोकर्स के विरोध के बाद लिया गया फैसला

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शेयर बाजार नियामक सेबी ने ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. सेबी ने यह फैसला ब्रोकर्स की ओर लगातार किए जा रहे विरोध के बाद लिया है. दरअसल, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने कुछ दिन पहले सेबी के सामने एक प्रस्ताव पेश किया था, एनएसई ने अपने प्रस्ताव में इंडेक्स फ्यूचर्स में ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने की मांग की थी. जिसके बाद से ब्रोकर्स लगातार इसका विरोध कर रहे थे.

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पॉजिटिव फीडबैक नहीं मिलने के बाद लिया फैसला

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीईओ आशीषकुमार चौहान ने एक पोस्ट अर्निंग एनालिटिस्ट कॉल के बाद कहा, “फिलहाल, समय बढ़ाने की कोई योजना नहीं है क्योंकि सेबी ने हमारा आवेदन वापस कर दिया है क्योंकि स्टॉक ब्रोकरों ने वह फीडबैक नहीं दिया है जो सेबी चाहता था.”

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स्टॉक एक्सचेंजों के पास ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने का अधिकार

बता दें कि स्टॉक एक्सचेंजों के पास एफएंडओ सेगमेंट में ट्रेडिंग को रात 11:55 बजे तक और कैश सेगमेंट में शाम 5 बजे तक बढ़ाने की शक्ति है, लेकिन इसके लिए सेबी की मंजूरी की जरूरत होती है. दोनों प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग फिलहाल दोपहर 3:30 बजे खत्म हो रही है.पिछले साल एनएसई ने इंडेक्स फ्यूचर और ऑप्शन (एफएंडओ) में ट्रेड के लिए शाम 6 बजे और रात 9 बजे से एक और शाम का सत्र जोड़ने का प्रस्ताव दिया था.

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ANMI से मिल गई थी मंजूरी

इससे पहले फरवरी में,एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के बोर्ड ने मार्जिन और ट्रेड फाइलों जैसी कुछ ऑपरेशनल परेशानियों को दूर करने के लिए इंडेक्स फ्यूचर्स के लिए ट्रेडिंग टाइम को बढ़ाने की मंजूरी दे दी थी. वहीं, बीएसई ब्रोकर्स फोरम बिजनेस ट्रेडिंग टाइम के लिए आम सहमति बनाने में विफल रहा था.

डेरिवेटिव ट्रेडर्स ने किया था विरोध

डेरिवेटिव व्यापारियों ने आशंका व्यक्त की थी कि उनके कामकाज का संतुलन खराब हो सकता है हालांकि कुछ ब्रोकरों ने ट्रेडिंग घंटों को बढ़ाने के लिए खुले तौर पर मंजूरी दे दी थी जबकि अन्य अपने कम बैंडविड्थ को लेकर चिंतित थे. हालांकि लंबे व्यापारिक घंटों का मतलब वॉल्यूम में वृद्धि के कारण एक्सचेंजों के लिए अधिक रेवेन्यू है.

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