अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने अरब सागर के मध्य डेढ़ सौ करोड़ की हेरोइन जब्त कर एक ईरानी बोट व सात लोगों की धरपकड़ की है। इरान व पाकिस्तानी ड्रग माफिया यह हेरोइन श्रीलंका में भेजना जाहते थे। गुजरात एटीएस को मिली जानकारी के अनुसार, इरानी ड्रग माफिया इमाम बक्ष व खानसाब तथा पाकिस्तानी ड्रग माफिया गुलाम ने मिलकर समुद्री मार्ग से श्रीलंका के लिए यह मादक पदार्थ भेजा था। इरान के कोनार्क बंदरगाह से इमाम बक्ष ने जुम्मा नामक फिशिंग बोट रवाना की थी, जिसमें पाकिस्तान के समुद्री किनारे पर हेरोइन की यह खेप लादी गई। बोट के क्रू मेंबर को एक सैटेलाइट फोन देकर उसे चैनल नंबर 62 के संपर्क में रहने को कहा गया।
एटीएस ने बताया कि इमाम बक्ष ने क्रू मेंबर को फोन कर मादक पदार्थ की यह खेप महाराष्ट्र या गुजरात में उतारने की बात कही, ताकि वहां से इसे पंजाब भेजा जा सके। तब तक उन्हें गुजरात की समुद्र सीमा में ठहरने को कहा गया। गुजरात एटीएस की टीम ने बीच समुद्र इस खेप को पकड़ा और बोट व सात तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक इम्तियाज शेख व उनकी टीम इन सबको कोस्टगार्ड की बोट में पोरबंदर लेकर आई। पूछताछ में पता चला है कि ईरानी व पाकिस्तानी ड्रग माफिया पहले भी मस्कत, यमन, तंजानिया आदि देशों में भी मादक पदार्थ भेज चुके हैं। गुजरात एटीएस 2018 से अब तक समुद्री क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने में अहम भूमिका निभाते हुए अब तक 700 किलो मादक पदार्थ पकड़ चुकी है. जिसका अंतरराष्ट्रीय बाजार में मूल्य तीन हजार 500 करोड़ रुपये के करीब होता है।
गौरतलब है कि इससे पहले गुजरात एटीएस ने गुजरात सहित विविध राज्यों में 2500 करोड़ के मादक पदार्थ की तस्करी मामले के मुख्य आरोपित शाहिद कासम सुमरा को दिल्ली एयरपोर्ट से दबोचा था। शाहिद सुमरा टेरर फंडिंग में भी लिप्त है तथा दुबई में बैठकर भारत के विविध राज्यों में नारको टेरेरिज्म का कारोबार चलाता था। गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते के पुलिस अधीक्षक इम्तियाज शेख ने बताया कि एटीएस ने देवभूमि द्वारिका में 15 करोड़ कीमत की पांच किलो हेरोइन जब्त की थी। इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत अगस्त 2018 में एक मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में देश के विविध राज्यों से आठ आरोपितों की धरपकड की गई, लेकिन मुख्य आरोपित कच्छ मांडवी का शाहिद कासम सुमरा 35, मोस्ट वांटेड था।