नई दिल्ली: चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म Haribhakti & Co LLP एक अप्रैल, 2022 से अगले दो साल तक किसी भी रेगुलेटेड कंपनी का ऑडिट नहीं कर पाएगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को कंपनी पर यह प्रतिबंध लगा दिया. रिजर्व बैंक ने पहली बार किसी ऑडिट फर्म पर पाबंदी लगाई है. केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर ने एक सिस्टेमैटिक रूप से महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के स्टैच्यूरी ऑडिट में आरबीआई RBI की ओर से जारी एक विशिष्ट निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर फर्म के खिलाफ यह आदेश जारी किया है.
आरबीआई ने पहली बार उठाया ये कदम
आपको बता दें कि यह पहला मौका है, जब आरबीआई ने सिस्टेमैटिक रूप से महत्वपूर्ण किसी NBFC के एक ऑडिटर के खिलाफ यह कार्रवाई की है. बैंक ने कहा है, ‘भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45MAA के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए 23 सितंबर, 2021 के एक आदेश के जरिए मेसर्स हरिभक्ति एंड कंपनी LLP, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ( ICAI फर्म पंजीकरण संख्या 103523W / W100048) पर 1 अप्रैल, 2022 से दो साल की अवधि के लिए RBI द्वारा विनियमित किसी भी संस्था में किसी भी प्रकार के ऑडिट असाइनमेंट को पूरा करने से प्रतिबंधित कर दिया है.’
जानिए क्या कहा आरबीआई ने?
आरबीआई अधिनियम के इन प्रावधानों के तहत किसी कंपनी के खिलाफ पहली बार यह प्रतिबंध लागू किया गया है. इस आदेश में साथ ही कहा गया है कि Haribhakti & Co LLP वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड इकाइयों का ऑडिट एसाइनमेंट ले सकती है. इससे पहले 2019 में आरबीआई ने वैश्विक ऑडिटिंग फर्म EY की एफिलिएट कंपनी SR Batliboi & Co पर एक साल का प्रतिबंध लगाया था. आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक ने एक बैंक की ऑडिट रिपोर्ट में कई तरह की खामी पाए जाने के बाद यह कदम उठाया था.