नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने एयर इंडिया में अपनी 100 फीसद हिस्सेदारी टाटा समूह को 18 हजार करोड़ रुपये में बेचने से जुड़ा आशय पत्र (एलओआइ) जारी कर दिया। वित्त मंत्रालय के निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि टाटा को अब एलओआइ स्वीकार करना होगा, जिसके बाद शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर 14 दिनों में एलओआइ स्वीकार करना होता है। सेल परचेज एग्रीमेंट (एसपीए) पर हस्ताक्षर के बाद कंपनी को सौंपने की प्रक्रिया शुरू होगी। टाटा द्वारा स्वीकृति पत्र देने के साथ ही उन्हें इंटरप्राइज मूल्य (ईवी) के 1.5 फीसद का सिक्योरिटी भुगतान देना होगा, जो लगभग 270 करोड़ रुपये है। सौदे के तहत टाटा ने एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसद और ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी एयर इंडिया एसएटीएस में 50 फीसद हिस्सेदारी शामिल है।
अधिग्रहण की प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में पूरी होने की उम्मीद: Tata Sons
टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी Tata Sons ने सोमवार को कहा कि उसे अगले कुछ महीनों में एयर इंडिया के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी के बोर्ड की मंगलवार को एक पूर्व निर्धारित बैठक होनी है, जिसमें राष्ट्रीय विमानन कंपनी के अधिग्रहण को लेकर चर्चा हो सकती है। हालांकि विमानन कंपनी के भविष्य को लेकर बोर्ड में चर्चा करना जल्दबाजी होगी। जब इस संबंध में कंपनी के प्रवक्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, ‘अधिग्रहण की प्रक्रिया को अगले कुछ महीनों में हम पूरा करने के लिए तत्पर हैं। उसके बाद ही हम आगे कुछ बता सकेंगे।’
हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि अधिग्रहण के लिए फंड कहां से आएगा और तीनों विमानन कंपनियों विस्तारा, एयर एशिया और एयर इंडिया को समूह कैसे चलाएगा तो इस पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
सरकार के खाते में जाएगा 16 हजार करोड़ रुपये का बकाया बिल
एयर इंडिया को टाटा समूह को सौंपने से पहले सरकार उसके करीब 16,000 करोड़ रुपये के ईंधन बिलों और आपूर्तिकर्ताओं की अन्य बकाया राशि एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) में हस्तांतरित करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआइएएचएल), जो एयर इंडिया की गैर-प्रमुख संपत्तियों जैसे भूमि और भवन को संभाल रही है, के खाते में विमानन कंपनी का 75 प्रतिशत कर्ज भी आएगा, जिसकी जिम्मेदारी टाटा समूह नहीं ले रहा है।
सरकार के पास सुधारों को लागू करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति: सीआइआइ
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) ने सोमवार को कहा कि एयर इंडिया के निजीकरण से बाजार और वैश्विक निवेशकों को यह स्पष्ट संदेश जाता है कि सरकार के पास सुधारों को लागू करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति है। उद्योग संगठन ने कहा कि पहले से तय दो सरकारी बैंकों के निजीकरण और बैंकिंग क्षेत्र के विनिवेश के प्रयासों में तेजी लाने का यह सही समय है। सीआइआइ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि कई प्रयासों के बाद एयर इंडिया की बिक्री सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के विनिवेश और निजीकरण की महत्वाकांक्षी योजना को एक नई ऊर्जा प्रदान करेगी।
खाड़ी देशों से जुड़ी विमानन कंपनियों से यात्रियों को हुआ लाभ
वैश्विक एयरलाइंस संगठन इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आइएटीए) के महानिदेशक विली वाल्श ने कहा है कि खाड़ी देशों से जुड़ी विमानन कंपनियों कतर एयरवेज और एमीरेट्स ने भारतीय बाजारों में असाधारण काम किया है। उनकी मौजूदगी से यात्रियों को लाभ हुआ है। बता दें कि नौ अक्टूबर, 2020 को तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि अब हमें एक स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि भारतीय एयरलाइंस की कीमत पर विदेशी एयरलाइंस को उड़ानों को अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि भारत से बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय यात्री अमेरिका, कनाडा और यूरोप की यात्रा के लिए इन दोनों विमानन कंपनियों का इस्तेमाल करते हैं।