Diwali Lakshmi Puja 2021: इस साल दिवाली (Diwali) 04 नवंबर (गुरुवार) को मनाई जाएगी. दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त में लक्ष्मीपूजन (Laxmi Pujan)का विशेष महत्व है. पांच दिन चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत 02 नवंबर को धनतेरस से होगी. पुराणों के अनुसार त्रेतायुग में जब भगवान राम लंका विजय कर अयोध्या वापस लौटे थे तब वहां उनका स्वागत घरों में दीप जलाकर किया था. भगवान राम की इस विजय के प्रतीक के तौर पर हर साल दिवाली का त्यौहार मनाया जाता हैं. महापर्व के दौरान पांचों दिन घर के आंगन में रंगोली बनाई जाती है. इस दौरान मां लक्ष्मी के आगमन का स्वागत भी किया जाता है.
Diwali Lakshmi Puja 2021: दिवाली (Diwali) के दिन लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Puja) की परंपरा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार दिवाली के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी का विधि-विधान से शुभ मुहूर्त में पूजन करने पर साल भर मांकी कृपा बनी रहती है. इस साल 04 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी. दिवाली के त्यौहार का कितना महत्व है इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसे लेकर तैयारियां कई दिनों पहले से होने लगतीहै. घरों की साफ-सफाई, रंग-रोगन कर मां लक्ष्मी के आगमन की प्रतीक्षा की जाती है. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी का पूजन शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) में करना विशेष फलदायी माना जाता है. प्रतिष्ठानों के लिए पूजन का अलग मुहूर्तरहता है, वहीं घरों में मां के पूजन का अलग मुहूर्त बताया गया है.
माता लक्ष्मी की पूजा दिवाली के दिन पूरे विधि-विधान से की जाना चाहिए, इससे जीवन में सुख-शांति के साथ ही समृद्धि का भी वास हो जाता है. हम आपको दिवाली का शुभ मुहूर्त और मां लक्ष्मी के पूजन की सहीविधि बताने जा रहे हैं. सही विधि का पालन कर आप मां की कृपा के पात्र बन सकते हैं.
दिवाली पर ऐसे करें मां लक्ष्मी का पूजन
दिवाली का पर्व जीवन में नई उमंग, उत्साह के संचार का त्यौहार है. घनघोर अंधेरे को चीरती एक दीये की रोशनी की ताकत हमें जीवन में इसी तरह आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती है. दिवाली की रात में मां लक्ष्मी के पूजन का विशेष महत्व होता है. शुभ मुहूर्त पर मां लक्ष्मी का पूजन जीवन को खुशहाली और धनसंपदा से भर देता है.
दिवाली पर मां लक्ष्मी के पूजन के लिए सबसे पहले पूजा स्थल की अच्छी तरह से साफ-सफाईकरना चाहिए. पूरे घर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए गंगाजल से छिड़काव करना चाहिए. इसके साथ ही मां लक्ष्मी के आगमन के लिए पहले से ही घर के बाहर रंगोली सजा देना चाहिए.
अब पूजा स्थल पर एक चौकी सजाएं और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा या फिर तस्वीर को रख दें. चौकी पर जल से भरा एक कलश जरूर रखें. इसके बाद मां लक्ष्मी, गणेश जीकी मूर्तियों/तस्वीरों पर तिलक लगाकर दीप जलाएं. इसके बाद अक्षत, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल, फल मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें. इसके बाद कुबेर देवता, भगवान विष्णु, मां काली और मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करें.
घर में मौजूद सभी सदस्यों को मां लक्ष्मी का पूजन एकत्रित होकर करना चाहिए. महालक्ष्मी पूजन के बाद घर की तिजोरी या प्रतिष्ठान की तिजोरी का पूजन करें. बहीखाता और व्यापारिक उपरकरण का भी पूजन
करें. पूजन के बाद सभी को मीठा प्रसाद और जरूरतमंद को दक्षिणा दें.
दिवाली के शुभ मुहूर्त
दिवाली पर मां लक्ष्मी का पूजन विशेष मुहूर्त में किया जाना चाहिए. विशेष मुहूर्त में पूजन से संपूर्ण फल प्राप्त होता है. दिवाली के दिन व्यापारिक संस्थानों द्वारा स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी का पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है. घरों में गोधुली बेला में मां लक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए. गोधुली बेला में वृषभ लग्न के दौरान घरों में किया गया मां लक्ष्मी का पूजन सर्वश्रेष्ठ होता है.
दीपोत्सव विधि मूहूर्त
कार्तिक कृष्ण अमावस्या दिनांक 4:11: 2021 गुरुवार
प्रातः 06.16 – 08.54 शुभ वेला.
दिवा 11.00 – 12.42 चंचल वेला.
दिवा 11.58 – 12.42 अभिजीत वेला.
दिवा 12.21 – 01.30 लाभ वेला.
दिवा 04.28 – 05.50 शुभ वेला.
गोधूलि वेला 05.50 – 08.26
वृश्चिक लग्न प्रातः 07.50 – 10.06
कुंभ लग्न दिवा 01.54 – 03.24
वृषभ लग्न सायं 06.30 – 08.25
सिंह लग्न रात्रि 12.57 – 03.13