नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मौजूदा वक्त में कई सारे बैंक सस्ती ब्याज दर पर होम लोन दे रहे हैं। अगर, आप होम लोन ले रहे हैं तो आपको उस पर ब्याज की EMI के साथ आपको उस पर विभिन्न लागू शुल्कों का भुगतान करना पड़ता है। ये शुल्क सभी बैंकों, आवास वित्त कंपनियों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों में अलग-अलग होते हैं। आपको हम लोन लेते वक्त यह जरूर देख लेना चाहिए कि, उस पर कौन कौन से शुल्क लग रहे हैं। क्योंकि, होम लोन पर लगने वाले यह शुल्क होम लोन की लागत को बढ़ा देते हैं, जिससे आप पर लोन का अधिक बोझ भी पड़ सकता है।
टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन जी के अनुसार, होम लोन लेते वक्त हमें अलग अलग तरह की फीस का भुगतान करना पड़ सकता है। जैसे कि प्रोसेसिंग फीस, इंश्योरेंस प्रीमियम फीस आदि। हम अपने बैंक से बात करके प्रोसेसिंग फीस को नेगोशिएट भी करा सकते हैं। साथ ही अगर आपको फिक्स रेट पर होम लोन मिल रहा है, तो आपको फ्लोटिंग रेट की बजाय फिक्स रेट पर होम लोन को वरियता देना चाहिए। क्योंकि, शुरुआती दौर में भले ही फिक्स रेट पर होम लोन की लागत आपको ज्यादा लगे, पर लंबी अवधि में यह आपको फ्लोटिंग रेट के होम लोन से ज्यादा फायदा देता है।”
हम आपको उन 11 तरह के शुल्कों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें होम लोन लेते वक्त आपको चुकाना पड़ सकता है। आपको बताते चलें कि, ऐसा जरूरी नहीं है कि होम लोन लेते वक्त आप पर यह सभी 11 शुल्क लगाए ही जाएं। लेकिन होम लोन लेते वक्त आपको इससे जुड़े सभी तरह के दस्तावेजों को बेहद ही ध्यान से पढ़ने की जरूरत है, जिससे आपको यह पता चल सके कि लोन लेते वक्त आपसे कौन सौन से शुल्क लिए जा रहे हैं।
लॉग इन शुल्क
इसे आवेदन शुल्क के नाम से भी जाना जाता है, यह लोन आवेदन का मूल्यांकन करने के लिए बैंक द्वारा लिया जाने वाला शुरुआती शुल्क है। इस स्तर पर बैंक यह आकलन करता है कि आवेदन में आगे की प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ सटीक जानकारी है या नहीं।
प्रोसेसिंग शुल्क
क्रेडिट अंडरराइटिंग प्रक्रिया के दौरान लोन आवेदन का मूल्यांकन कई मापदंडों पर किया जाता है जिसमें केवाईसी सत्यापन, वित्तीय मूल्यांकन, रोजगार सत्यापन, निवास और कार्यालय का सत्यापन, क्रेडिट हिस्ट्री मूल्यांकन आदि शामिल होता है। लोन देने वाली संस्था प्रोसेसिंग शुल्क के जरिए क्रेडिट हामीदारी प्रक्रिया से संबंधित सभी लागतों की वसूली करती है। कुछ लोन देने वाली संस्थाएं प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में एक समान शुल्क लेते हैं जबकि अन्य संस्थाएं आमतौर पर लोन की राशि के 2 फीसद तक का वैरिएबल प्रोसेसिंग फीस लेते हैं।
टेक्निकल असेसमेंट फीस
जिस संपत्ति के लिए होम लोन लिया गया है, उसके बाजार मूल्य का आकलन करने के लिए लैंडर्स तकनीकी विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं। कई सारे लैंडर्स इस तरह के शुल्क को अपने प्रोसेसिंग शुल्क में शामिल करते हैं, वहीं कुछ लैंडर्स इसे अलग से चार्ज करते हैं।
लीगल फीस
कोई लैंडर लोन देते वक्त यह जरूर सुनिश्चित करना चाहता है कि, जिसके लिए वह लोन दे रहा है, उस संपत्ति पर कोई भी कानूनी विवाद ना हो। इसके लिए लैंडरों को कानूनी सलाहकारों की जरूरत पड़ती है। कई सारे लैंडर लोन लेने वाले लोगों से ही अपने कानूनी सलाहकारों की फीस चुकाने को बोलते हैं।
फ्रैंकिंग फीस
फ्रैंकिंग आपके होम लोन समझौते पर आम तौर पर एक मुहर लगाने की प्रक्रिया है, इस प्रकार यह पुष्टि करता है कि आपने आवश्यक स्टाम्प शुल्क भुगतान किया है। होम लोन समझौते की फ्रैंकिंग आमतौर पर सरकार द्वारा अधिकृत बैंकों या एजेंसियों द्वारा की जाती है। फ्रैंकिंग शुल्क आम तौर पर होम लोन मूल्य का 0.1 फीसद होता है।
प्री EMI चार्ज
होम लोन के मिलने के बाद यदि उधारकर्ता को घर का कब्जा मिलने में देरी होती है, तो लैंडर उनसे एक साधारण ब्याज लेता है जिसे प्री EMI कहा जाता है।
रेगुलेटरी फीस
यह शुल्क लैंडर्स की तरफ से होम लोन मिलने की प्रक्रिया में वैधानिक निकायों की ओर से लिए जाते हैं। यह शुल्क ज्यादातर विभिन्न शुल्कों पर स्टांप ड्यूटी और जीएसटी के रूप में होता है जो लैंडर्स द्वारा एकत्र किया जाता है और सरकार को भुगतान किया जाता है।
रि-अप्रेजल फीस
होम लोन आवेदन की मंजूरी सीमित वैधता अवधि के साथ आती है। यदि आपका लोन मंजूर हो गया है, लेकिन आप लंबी अवधि के लिए इसे नहीं लेते हैं, तो लैंडर आपके लोन आवेदन का पुनर्मूल्यांकन करेगा।
इंश्योरेंस प्रीमियम
कई सारे लैंडर उधारकर्ताओं से संपत्ति को किसी भी भौतिक क्षति से बचाने के लिए इंश्योरेंस लेने के लिए कहते हैं। अगर आप होम लोन लेते वक्त इंश्योरेंस लेते हैं तो आपको इसके प्रीमियम का भी भुगतान करना होगा।
नोटरी फीस
अगर आप NRI हैं और आप होम लोन लेना चाह रहे हैं तो आपको कुछ अन्य तरह के शुल्कों का भुगतान करना पड़ेगा। आपको अपनी केवाइसी और पावर ऑफ अटॉर्नी के लिए भारतीय दूतावास में नोटरी शुल्क देना होगा।
अधिनिर्णय शुल्क
यदि आप एक NRI के पीओए धारक हैं, तो होम लोन आवेदन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आपको भारत में नोटरीकृत पीओए का न्यायनिर्णयन प्राप्त करने की आवश्यकता है। जिसके लिए आपको संबंधित शुल्क का भुगतान करना होगा।