आयकर विभाग (Income Tax Department) ने करदाताओं से ई फाइलिंग पोर्टल पर पहुंचकर आईटीआर दाखिल करने की अपील की है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि ऑफिशियल वेबसाइट incometax.gov.in पर जाकर आयकर रिटर्न या आईटीआर फाइलिंग (ITR filing) की जा सकती है.
नई दिल्ली. अगर आपने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल नहीं किया है तो फौरन रिटर्न दाखिल करें. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक आ गई है. 31 दिसंबर तक आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. आयकर विभाग के ई फाइलिंग पोर्टल पर जाकर अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया जा सकता है.
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने करदाताओं से ई फाइलिंग पोर्टल पर पहुंचकर आईटीआर दाखिल करने की अपील की है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि ऑफिशियल वेबसाइट incometax.gov.in पर जाकर आयकर रिटर्न या आईटीआर फाइलिंग (ITR filing) की जा सकती है.
नए पोर्टल में फॉर्म 26AS के लिए भी आसान डाउनलोड सुविधा मौजूद है. फॉर्म 26 एएस, जिसे वार्षिक विवरण फॉर्म के रूप में भी जाना जाता है. यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें करदाता की सभी टैक्स संबंधित जानकारी जैसे टीडीएस, अग्रिम कर आदि शामिल होता है.
बिना HRA के मकान किराए पर छूट
आप मकान किराये के रूप में दी गई राशि पर आयकर छूट चाहते हैं, तो सबसे पहली शर्त वेतनभोगी होना है. आपके वेतन में हाउस रेट अलाउंस (HRA) शामिल होता है, जिस पर आयकर की धारा 10(13ए) के तहत निश्चित सीमा तक टैक्स छूट दी जाती है.
जानिए क्या हैं नियम व शर्तें
ज्यादातर कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए हाउस रेंट अलाउंस उनकी सैलरी का हिस्सा माना गया है. आयकर अधिनियम 1961 में कर्मचारियों को भुगतान किए गए घर के किराए पर कटौती का दावा करने का प्रावधान लागू किया गया था. वहीं ऐसे कर्मचारी आयकर अधिनियम की धारा 80GG के तहत भुगतान किए गए मकान के किराए पर छूट का दावा कर सकते हैं.
साथ ही ये नियम स्वरोजगार करने वाले लोगों पर भी लागू होता है, लेकिन छूट का फायदा पाने के लिए कुछ नियम और शर्तों को समझना जरूरी है. जैसे धारा 80GG के तहत कटौती का दावा करने के लिए किसी कर्मचारी को वित्तीय वर्ष के दौरान एचआरए प्राप्त नहीं होना चाहिए.
HRA में छूट का दावा करने वाला करदाता धारा 80GG के तहत भुगतान किए गए किराए पर कटौती का दावा नहीं कर सकता है. साथ ही धारा 80GG के तहत कटौती का दावा करने वाले व्यक्ति का शहर में कोई घर नहीं होना चाहिए. वास्तव में जिस शहर में कार्यालय स्थित है या व्यवसाय किया जाता है, उस शहर में पति या पत्नी, नाबालिग बच्चे या हिंदू अविभाजित परिवार के नाम पर कोई घर नहीं होना चाहिए. वहीं अगर किसी कर्मचारी के पास शहर में घर है जहां वो काम भी करता है, तो वो कटौती का दावा नहीं कर पाएगा.
कैसे मिलेगा कटौती का लाभ?
करदाता को एक फॉर्म 10BA दाखिल करना होगा, जिसके बाद वो इस कटौती का दावा कर पाएगा. वहीं जिस करदाता ने वैकल्पिक या नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना है, वो इस कटौती का दावा नहीं कर पाएगा. माना गया है कि कटौती की गणना एक सूत्र के आधार पर की जानी है.