साल 2021 के आईपीओ मार्केट पर नजर डालें तो इस साल कई नए IPO लिस्ट हुए हैं. जिन्होंने निवेशकों को दोगुना या तीन गुना रिटर्न दिया है. इसी वजह से बाजार में आने वाले हर आईपीओ को जबरदस्त रिस्पांस मिल रहा है. कुछ आईपीओ तो 100 गुना से भी ज्यादा सब्सक्राइब हुए हैं. लेकिन अक्सर लोगों की शिकायत होती है कि आईपीओ में अप्लाई तो करते हैं, लेकिन कभी निकला नहीं है.
नई दिल्ली. साल 2021 के आईपीओ मार्केट पर नजर डालें तो इस साल कई नए IPO लिस्ट हुए हैं. जिन्होंने निवेशकों को दोगुना या तीन गुना रिटर्न दिया है. इसी वजह से बाजार में आने वाले हर आईपीओ को जबरदस्त रिस्पांस मिल रहा है. कुछ आईपीओ तो 100 गुना से भी ज्यादा सब्सक्राइब हुए हैं. लेकिन अक्सर लोगों की शिकायत होती है कि आईपीओ में अप्लाई तो करते हैं, लेकिन कभी निकला नहीं है.
लोगों के मन में अकसर सवाल होता है कि आखिरी उन्हें आईपीओ का अलॉटमेंट क्यों नहीं मिलता है. तो चलिए जानना चाहते हैं कि किस प्रक्रिया के तहत आईपीओ का अलॉटमेंट होता है.
1. सेबी के नियम के मुताबिक एक आईपीओ में एक रिटेल निवेशक अधिकतर 2 लाख रुपये तक की बोली लगा सकता है. हालांकि, इसके लिए न्यूनतम बोली होना जरूरी है. इसका अर्थ है कि अगर किसी आईपीओ में एक लॉट 15 शेयरों की है, तो आपको कम से कम 15 शेयरों के लिए बोली लगानी ही होगी.
2. इसके अलावा एडलवाइज आईपीओ एक फंड. रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2018 के बाद आईपीओ में 50 फीसदी का उछाल देखा गया है. जिन आईपीओ में 15 50 फीसदी का उछाल देखा गया है, उन्हें औसतन 13 गुना ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिला है.
3. एडलवाइज IPO फंड अपनी तरह का पहला थिमेटिक फंड है जिसे 2018 में शुरू किया गया था. फंड के जरिये IPO निकालने वाली कंपनियों में निवेश किया जाता है. यह फंड हाल में जारी हुए आईपीओ या आने वाले आईपीओ में निवेश करता है. हाल में फंड की तरफ से अंबर इंटरप्राइजेज, सोना बीएलडब्ल्यू प्रीसिजन फोर्जिंग्स, ग्लैंड फार्मा, जोमैटो और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस जैसी कंपनियों में निवेश किया गया है.
4. निवेशक को एक ही नाम से कई बार आवेदन नहीं करना चाहिए. एक आईपीओ के लिए एक PAN नंबर से एक ही बार आवेदन किया जा सकता है. अगर आप एक ही PAN से मल्टीपल आवेदन करते हैं तो यह इनवैलिड माना जाएगा.
5. अगर आईपीओ बेहतर दिख रहा है तो आप अपने, अपनी वाइफ के नाम से, अपने एडल्ट बच्चे के नाम से और अपने माता या पिता के नाम से आवेदन कर सकते हैं. इससे अलग अलग PAN नंबर होने से अलॉटमेंट के चांस बढ़ जाते हैं. इसे मल्टीपल आवेदन नहीं माना जाता है.